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फर्जी कंपनी के नाम पर युवा नेता करता था प्रॉपर्टी का हेर-फेर; 8 महीने बाद आया चढ़ा पुलिस के हाथ

Delhi Extortion Case: दिल्ली की मैदानगढ़ी पुलिस ने प्रॉपर्टी फ्रॉड के मामले में एक पार्टी के युवा नेता को गिरफ्तार किया है, जिस पर प्रॉपर्टी के कागजों की धोखाधड़ी करके वसूली करने का आरोप है। यह कार्रवाई शिकायत के लगभग 8 महीने बाद हुई है।

Edited By : Vimal Kaushik | Updated: Oct 17, 2023 21:03
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Delhi Extortion Case, नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में पुलिस ने प्रॉपर्टी फ्रॉड के मामले में एक पार्टी (नाम नहीं लिखा जा सकता) के युवा नेता को गिरफ्तार किया है। आरोप है कि वह एक फर्जी कंपनी के नाम पर प्रॉपर्टी का हेर-फेर करता था। किराये या पट्टे पर लेने के बाद संबंधित जमीन के कागजों की धोखाधड़ी करके उनके दम पर वसूली करता था। लगभग आठ महीने के बाद अब जबकि युवा नेता पुलिस के हाथ आ चुका है तो कोर्ट में पेश करके उसे 3 दिन के रिमांड पर लेकर पूछताछ का क्रम जारी है।

  • मार्च में दर्ज की थी मैदानगढ़ी पुलिस ने सिकंदर बहल और कुछ अन्य लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज

बता दें कि मार्च में मीना चावला नामक एक महिला की शिकायत के आधार पर दिल्ली के मैदानगढ़ी थाने की पुलिस ने सिकंदर बहल और कुछ अन्य लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी। उसी एफआईआर की जांच के बाद कुछ चौंकाने वाली बात सामने आई है। इसके बाद पुलिस ने सिकन्दर को गिरफ्तारी करके रिमांड पर ले लिया। हालांकि आरोपी को बाद में कोर्ट से जमानत मिल गई है। सिकन्दर नाम का यह शख्स एक बड़ी पार्टी का युवा नेता भी है। सिकन्दर पर आरोप है कि वो संपति को किराये पर या लीज पर लेकर उसके बाद कागजो में हेराफेरी करके पैसे ऐंठने का काम करता था। उसके खिलाफ अमानत में खयानत जैसी धाराओं में मामला दर्ज किया गया और पुलिस ने उसकी गिरफ्तारी कर ली है।

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पुलिस द्वारा दर्ज एफआईआर के मुताबिक फ़्लेयर्स बिल्डर प्राइवेट लिमिटेड और बेस्टो इलेक्ट्रॉनिक्स प्राइवेट लिमिटेड के बीच 14/09/2018 को हुए समझौते से जुड़े दस्तावेज से आरोपियों का मामला प्रकाश में आया, जिसमें आरोप है कि एक मकान मालिक के साथ धोखाधड़ी करते हुए करोड़ों रुपए हड़प लिए गए। तफ्तीश के दौरान मैसर्स सड्रिन इंडिया प्राइवेट लिमिटेड नाम की एक शेल कंपनी का पता चला है, जो सिर्फ लीज डीड बनाने के उद्देश्य से बनाई गई थी। यहां तक कि कंपनी के बैंक रिकॉर्ड में साफ-साफ दिख रहा है कि शिकायतकर्ता को शेल कंपनी की तरफ से लीज के लिए एक राशि का भुगतान किया गया है। पुलिस को प्रथम दृष्टया इस मामले में अमानत में खयानत के साक्ष्य मिले। उनके जांच शुरू की गई तो सामने आया कि बिना कोई जरूरी कागजात और ठोस सबूत दिखाए आरोपियों ने संपत्ति को अपना बताया। इसमें कुछ और लोगों के शामिल होने की संभावना है।

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Edited By

Vimal Kaushik

First published on: Oct 17, 2023 07:47 PM
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