Delhi Exit Poll Results: दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 को वोटिंग खत्म होने के बाद एग्जिट पोल के नतीजे भी जारी कर दिए गए हैं। एग्जिट पोल कितने सही साबित होंगे, इसका पता तो 8 फरवरी को असली नतीजे आने के बाद लगेगा। एग्जिट पोल कितने सही होते हैं, 2020 और 2015 के आंकड़ों के हिसाब से बात करते हैं। बता दें कि एग्जिट पोल सिर्फ अनुमान पर आधारित होतें हैं। 2020 के एग्जिट पोल में आम आदमी पार्टी (AAP) की जीत का अनुमान लगाया गया था। इंडिया टुडे-एक्सिस माई इंडिया ने केजरीवाल की पार्टी के लिए 59-68 सीटों का अनुमान लगाया था। ज्यादातर एग्जिट पोल ने आप को 50 से ज्यादा सीटें मिलने का दावा किया था।
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काफी हद तक अनुमान सही साबित हुए। आप ने 70 में से 62 सीटों पर जीत दर्ज की थी। पिछली बार एबीपी न्यूज और सी वोटर ने भी अपने अनुमान जारी किए थे। एग्जिट पोल के मुताबिक आप को 49-63 सीटें दिखाई गई थीं। न्यूज एक्स और पोलस्ट्रेट ने अपने सर्वे में 50-56 और रिपब्लिक-जन की बात ने आप के 48-61 सीटें जीतने का अनुमान लगाया था। लगभग अनुमान ठीक साबित हुए थे। हर पोल ने दावा किया था कि आम आदमी पार्टी की सरकार बनेगी। इंडिया टुडे-एक्सिस माई इंडिया, एबीपी न्यूज-सी वोटर और रिपब्लिक टीवी-जन की बात ने 60 प्लस सीटें दिखाई थी।
एग्जिट पोल क्या होते हैं?
एग्जिट पोल शुरुआती सर्वे होते हैं, जो वोटिंग से पहले या वोट डालने के बाद मतदाताओं से बातचीत के आधार पर तैयार किए जाते हैं। ये सटीक नहीं कहे जा सकते, सिर्फ अनुमान लगाने में मदद करते हैं कि कौन सी पार्टी आगे है? मतदाताओं के सही जवाब, गलती की गुंजाइश आदि कारणों से एग्जिट पोल प्रभावित हो सकते हैं। एग्जिट पोल सिर्फ और सिर्फ अंदाजा लगाने के लिए ही होते हैं।
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मतदान प्रक्रिया के दौरान चुनाव को प्रभावित न किया जा सके, इसलिए वोटिंग से पहले एग्जिट पोल जारी नहीं किए जा सकते। चुनाव आयोग सिर्फ वोटिंग के बाद ही इनको प्रसारित करने की अनुमति देता है। एग्जिट पोल निर्जी फर्मों और मीडिया संगठनों के जरिए करवाए जाते हैं। दुनियाभर में इनका व्यापक उपयोग होता है, फिर भी इनके ऊपर सवाल उठते हैं। कई बार एग्जिट पोल गलत साबित हो चुके हैं।