---विज्ञापन---

बेटी को दुल्हन बनाने की थी तैयारी, पर अधूरा रह गया सपना; दिल्ली एयरपोर्ट के हादसा पीड़ित की दर्दनाक कहानी

Delhi Airport Roof Collapse Survivor Story: दिल्ली एयरपोर्ट की छत ढहने से मलबे के नीचे दबकर मारे गए कैब ड्राइवर की दर्दनाक कहानी इमोशनल कर देगी। उसके परिवार में पत्नी और 4 बच्चे थे। 2 बेटियों की शादी करनी थी, लेकिन उससे पहले ही खुशियां मातम में बदल गईं।

Edited By : Khushbu Goyal | Updated: Jun 29, 2024 10:18
Share :
Delhi Airport Accident Victim Cab Driver
Delhi Airport Accident Victim Cab Driver

Delhi Airport Accident Victim Emotional Story: बेटी को दुल्हन बने देखने का सपना था। उसकी शादी धूमधाम से हो, इसके लिए दिन रात मेहनत करके पैसे जोड़ रहा था, लेकिन सोचा नहीं था कि बेटी की डोली उठाने से पहले उनकी खुद की अर्थी उठ जाएगी। एक फोन कॉल आया और शादी की खुशियां मातम में बदल गईं। एक झटके में घर में मातम पसर गया। भारी बारिश परिवार पर कहर बनकर टूटी। इतना कहते ही रविंदर कुमार फूट-फूट कर रोने लगा।

उसके पिता रमेश कुमार की बीते दिन अलसुबह दिल्ली में इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट के टर्मिनल-1 की छत ढहने से मौत हो गई थी। रमेश कैब ड्राइवर था और सवारियों को एयरपोर्ट छोड़ने आया था, लेकिन छत के मलबे के नीचे कार दबने से वह भी दब गया। उसके ऊपर छत का एक हिस्सा गिर गया था। सिर में ज्यादा चोट लगने पर ज्यादा खून बहने के कारण उसकी मौत हो गई और वह दिल में बेटी की शादी का अधूरा सपना लिए दुनिया से चला गया।

 

यह भी पढ़ें:502 लोगों की लाशें देख दहशत फैली, 900 से ज्यादा घायल; 29 साल पहले जानें कैसे ढह गया था 5 मंजिला स्टोर?

पुलिस कर्मियों ने फोन करके हादसास्थल पर बुलाया

रविंदर कुमार ने बताया कि कहा कि वह न्याय के लिए लड़ेंगे और अपने पिता की मौत के लिए जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराएंगे। शुक्रवार सुबह परिवार नींद के आगोश में था। पिता कैब लेकर सुबह-सुबह ड्यूटी पर निकल चुके थे। अचानक फोन बजा, इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट पुलिस स्टेशन से कॉल थी। इस कॉल ने पूरे परिवार की जिंदगी उलट-पुलट करके रख दी। फोन करने वाले ने तुरंत दिल्ली एयरपोर्ट के टर्मिनल-1 पर आने के लिए कहा।

परिवार वालों को कुछ भी पता नहीं था, लेकिन जब वहां पहुंचे तो पिता की हालत देखकर पैरों तले जमीन खिसक गई। वे अपनी कार में बैठे थे और उनके ऊपर छत का मलबा गिरा हुआ था। लोग उन्हें निकालने की कोशिश कर रहे थे। उसने भी मदद की और पिता को निकालकर अस्पताल ले गया, लेकिन तब तक वह दम तोड़ चुके थे। हमारा सिर्फ एक सवाल है कि हादसे के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई क्यों नहीं की जा रही? बारिश आने से पहले चीजें ठीक क्यों नहीं की गईं?

यह भी पढ़ें:भारी बारिश बनी ‘काल’, 3 बच्चों की ली जान; मलबे के नीचे से निकली लाशें, नोएडा में जानें कैसे हुआ हादसा?

20 लाख रुपये में 4 शादियां कैसे होंगी?

रविंदर कुमार ने बताया कि परिवार में मां आशा है। छोटा भाई आशीष (22), 2 बहनें राशि (21) और भावना (18) हैं। सेक्टर-7 के करीब रोहिणी में विजय विहार इलाके में किराए के मकान में रहते हैं। आशा रोहिणी में एक घर में मेड है। हाल ही में 5 लाख रुपये में कैब खरीदी थी और एक लाख रुपये की डाउन पेमेंट देनी थी। बहन राशि की शादी के लिए पैसे इकट्ठा कर रहे थे, लेकिन अब चिंता यह है कि परिवार का गुजारा कैसे होगा? दोनों लड़कियों की शादी कैसे होगी?

सरकार द्वारा घोषित मुआवजा परिवार के लिए बहुत छोटा है, क्योंकि 4 भाई-बहन हैं और अपने साथ बाकी 3 की भी शादी करनी है। सरकार को मुआवजे के रूप में कम से कम एक करोड़ रुपये की घोषणा करनी चाहिए। नागरिक उड्डयन मंत्री के राममोहन नायडू ने 20 लाख रुपये के मुआवजे की घोषणा की है। पुलिस को मामले की ठीक से जांच करनी चाहिए और जो भी जिम्मेदार हैं उन्हें गिरफ्तार करना चाहिए।

यह भी पढ़ें:हाई वोल्टेज ड्रामा! बिना शादी 9 साल जिससे मनाई ‘सुहागरात’, वो दुल्हन बन लेकर पहुंची बैंड बाजा बारात

First published on: Jun 29, 2024 09:48 AM

Get Breaking News First and Latest Updates from India and around the world on News24. Follow News24 on Facebook, Twitter.

संबंधित खबरें