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दिल्ली एयरपोर्ट को लेकर अहम खबर, टी-2 टर्मिनल की सभी फ्लाइट टी1 पर शिफ्ट

दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय (IGI) हवाई अड्डे का टर्मिनल-1 (T1) 9 महीने के अंतराल के बाद आज से पूरी तरह से शुरू हो जाएगा, हवाई अड्डे के अधिकारियों ने सोमवार को घोषणा की।

Author Edited By : Deepti Sharma Updated: Apr 15, 2025 08:58
Delhi Airport Terminal 1
Delhi Airport Terminal 1

दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे का टर्मिनल-1 (T1) 9 महीने के अंतराल के बाद मंगलवार से पूरी तरह से चालू हो जाएगा, इस बात की जानकारी हवाई अड्डे के अधिकारियों ने सोमवार को दी। जून में भारी बारिश के दौरान टर्मिनल की छतरी का एक हिस्सा गिर जाने के बाद T1 पर परिचालन रोक दिया गया था। T1 के फिर से खुलने के साथ, टर्मिनल-2 (T2) से वर्तमान में संचालित सभी उड़ानें T1 पर ट्रांसफर हो जाएंगी, जिससे T2 पर रेनोवेशन का काम होगा, जिसमें तीन से चार महीने लगने की उम्मीद है। फिलहाल, मुख्य रूप से अकासा एयर और इंडिगो से T2 लगभग 270-280 डेली फ्लाइट्स को संभालता है और 46,000 से अधिक यात्रियों को सेवा देता है।

दिल्ली अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा लिमिटेड (DIAL) ने कहा कि ये उड़ानें 15 अप्रैल से T1 पर ट्रांसफर होनी शुरू हो जाएंगी। इंडिगो ने पुष्टि की है कि 15 अप्रैल से T2 से संचालित होने वाली उसकी सभी उड़ानें T1 पर चलेंगी। एयरलाइन अब IGI एयरपोर्ट पर केवल T1 और T3 से ही उड़ान भरेगी।

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मार्च 2024 में हुआ था उद्घाटन

T1 का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मार्च 2024 में किया था। हालांकि, टर्मिनल के बाहर पिक-अप-एंड-ड्रॉप लेन पर छतरी का एक हिस्सा 28 जून को गिर गया, जिससे एक कैब चालक की मौत हो गई और 8 लोग घायल हो गए। मरम्मत के लिए क्षेत्र को सील कर दिया गया था और डैमेज पिलर को गिराने का काम जुलाई में शुरू हुआ था।

अगस्त में कुछ परिचालन फिर से शुरू हुआ, केवल गेट 5 और 6 को फिर से खोला गया। DIAL ने कहा कि बाकी गेट-1 से 4- मंगलवार को खुलेंगे, जिससे नया टर्मिनल पूरी तरह से चालू हो जाएगा। एक अधिकारी ने पुष्टि की, मंगलवार से, सभी 6 गेट और पूरी T1 बिल्डिंग काम करने लगेगी।

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क्या-क्या सुविधाएं मिलेंगी

नई T1 बिल्डिंग एक महत्वपूर्ण विस्तार है, जिसमें टर्मिनल का क्षेत्रफल 55,740 वर्ग मीटर से बढ़कर 206,950 वर्ग मीटर हो गया है। आगमन और प्रस्थान के लिए अलग-अलग इमारतों – T1(D) और T1(C) वाली पुरानी और इसमें नए टर्मिनल दोनों को एक ही छत के नीचे जोड़ता है।

T1 में अब सभी एंट्री पॉइंट्स पर चेहरे की पहचान (DigiYatra), चेक-इन के लिए 108 कॉमन यूसेज सेल्फ-सर्विस (CUSS) कियोस्क, 10 बैगेज रिक्लेम कैरोसेल (हर 70 मीटर लंबा) और बढ़ी हुई बैगेज हैंडलिंग क्षमता- 3,240 से 6,000 बैग प्रति घंटा तक की सुविधा है। यात्री-अनुकूल सुविधाओं में विस्तारित खरीदारी और डाइनिंग एरिया, योग, प्रार्थना कक्ष, चार्जिंग पोर्ट के साथ समूह बैठने की जगह, स्मार्ट वॉशरूम, स्व-चिकित्सा कक्ष और बच्चों की देखभाल सुविधाएं शामिल हैं।

टर्मिनल को एक ग्रीन बिल्डिंग के रूप में भी डिजाइन किया गया है, जिसमें नेचुरल लाइट का उपयोग किया गया है। DIAL ने कहा कि T1 का विस्तार और मॉर्डनाइजेशन स्टेज 3A विकास परियोजना के हिस्से के रूप में पूरा किया गया। DIAL के अनुसार, यह बदलाव यात्रियों के अनुभव को बेहतर बनाने और हवाई यात्रा की बढ़ती मांग को पूरा करने के प्रयासों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। इस अपग्रेड से दिल्ली हवाई अड्डे को एकमात्र भारतीय हवाई अड्डा बना दिया गया है जो सालाना 100 मिलियन से अधिक यात्रियों को संभालने में सक्षम है। T1 की क्षमता अब हर साल 40 मिलियन यात्रियों, T2 की 15 मिलियन और T3 की 45 मिलियन यात्रियों की है। नागरिक उड्डयन सचिव वुमलुनमंग वुअलनम ने बताया कि T1 और T3 के पूरी तरह चालू हो जाने से, T2 के बंद रहने के दौरान दिल्ली हवाईअड्डा सभी यात्री यातायात को सुचारू रूप से संभाल सकेगा और कोई महत्वपूर्ण भीड़भाड़ की उम्मीद नहीं है।

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Edited By

Deepti Sharma

First published on: Apr 15, 2025 08:58 AM

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