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Delhi Pollution: दिल्ली के इन इलाकों में सांस लेना हुआ मुश्किल, AQI में सुधार की नहीं संभावना!

Delhi Pollution: दिल्ली की वायु गुणवत्ता रविवार देर रात खराब हो गई। पंजाब और हरियाणा के खेतों में लगी आग के कारण AQI 300 के पार पहुंच गया। बुधवार तक हवा की क्ववालिटी 'बहुत खराब' स्थिति में रहने का अनुमान है।

Edited By : Shabnaz | Updated: Oct 21, 2024 08:26
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delhi air quality

Delhi Pollution: दिल्ली में सर्दियों का मौसम आने के साथ ही हवा की गुणवत्ता में भी बदलाव देखने को मिल रहा है। रविवार को वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) रात 11 बजे 300 को पार पहुंच गया। इसकी वजह पंजाब और हरियाणा में खेतों में लगने वाली आग को माना जा रहा है। वायु प्रदूषण पर जारी प्रारंभिक चेतावनी प्रणाली (EWS) के पूर्वानुमान में गिरावट के लिए शांत हवाओं को जिम्मेदार ठहराया गया।

दिल्ली की हवा में कितना घुला जहर?

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) ने रविवार को शाम 4 बजे दिल्ली का औसत AQI 277 (खराब) बताया। ये लगातार पांचवें दिन खराब वायु गुणवत्ता का संकेत है। इसके बाद यह स्तर शाम 7 बजे तक 289 और रात 11 बजे तक 303 तक पहुंच गया। EWS का कहना है कि दिल्ली में प्रदूषण कम होने की अभी कोई संभावना नहीं है। ऐसे में अगर पराली जलाने जैसी घटनाएं हुईं तो, दिल्ली की हवा और भी ज्यादा खराब हो सकती है।

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दिल्ली में इन 5 इलाकों की सबसे खराब हवा

दिल्ली के कई इलाके ऐसे हैं जहां पर हवा काफी खराब Very poor) कैटेगरी में रही। इसमें आनंद विहार 375, वजीरपुर 355, जहांगीरपुरी 359, मुंडका 328 और रोहिणी में AQI 325 का नाम शामिल है।

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दिल्ली की हवा क्यों हो रही खराब?

नासा के फायर इंफॉर्मेशन फॉर रिसोर्स मैनेजमेंट सिस्टम ने पंजाब और हरियाणा में पिछसे हफ्ते औसतन 90 आग दर्ज हुई। लेकिन पिछले कई साल के मुकाबले ये काफी कम है, उस, दौरान लगभग 600 से ज्यादा आग लगने की घटनाएं सामने आई थीं। वहीं, आने वाले दिनों में आग के मामलों में तेजी देखने को मिल सकती है। इसके बाद AQI और ज्यादा खराब स्थिति में पहुंच सकता है। आग की घटनाओं को कम करने के लिए अधिकारी काम कर रहे हैं।

पिछले साल पराली जलाने के कितने मामले?

2022 के आंकड़ों को देखा जाए तो पंजाब में पराली जलाने के मामलों में इस बार 25% की गिरावट देखी गई है। अभी ये 49,922 से घटकर 36,623 के बीच है। वहीं, पराली जलाने वाले क्षेत्र में 27% की बढ़ोतरी हुई है। इस साल पिछले सीजन के मुकाबले फसल की कटाई धीमी है। इसका कारण बुवाई में देरी और सितंबर के आखिर में बारिश को बताया जा रहा है।

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Shabnaz

First published on: Oct 21, 2024 08:26 AM

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