नई दिल्ली : जलवायु संरक्षण के मामले में भारत कभी कोई समझौता नहीं करता। अपनी बात पर हमेशा मजबूती के साथ खड़ा होता है। यह बात गुरुवार शाम को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विश्व जलवायु कार्रवाई शिखर सम्मेलन भाग लेने के लिए दुबई रवाना होने से पहले कही है। इस दौरान मोदी ने कहा कि जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए विकासशील देशों को सक्षम बनाना आज समय की मांग है।
बता दें कि दुबई में 30 नवंबर से 12 दिसंबर तक विश्व जलवायु कार्रवाई शिखर सम्मेलन आयोजित हो रहा है। इसकी अध्यक्षता संयुक्त अरब अमीरात (UAE) कर रहा है। माना जा रहा है कि COP28 नामक इस शिखर सम्मेलन में पेरिस समझौते के तहत हुई प्रगति की समीक्षा होगी और जलवायु परिवर्तन की स्थिति से निपटने के लिए आगे की रणनीति तय करने का यह एक बेहतरीन मौका साबित होगा। दरअसल, दुनिया के कई अग्रणी देश ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम करने के लिए किए जाने वाले उपायों पर चर्चा के उद्देश्य से इस सम्मेलन में भाग लेंगे। शुक्रवार को इसमें भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी भाग ले रहे हैं। इसके अलावा मोदी उच्च स्तर के तीन अन्य कार्यक्रमों में भी शामिल होंगे। इसके लिए गुरुवार शाम को वह राजधानी दिल्ली स्थित इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से दुबई के लिए रवाना हो गए हैं।
COP28: PM Modi emplanes for his visit to UAE for World Climate Action Summit
Read @ANI Story | https://t.co/c8uOd7E97n#PMModi #NarendraModi #UAE #Cop28Dubai #COP28UAE pic.twitter.com/Fkh1JhMGtc
---विज्ञापन---— ANI Digital (@ani_digital) November 30, 2023
इस दौरान प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत की मेजबानी में G-20 समिट के दौरान जलवायु का मुद्दा हमारी पहली प्राथमिकता था। उस दौरान हुई घोषणा में जलवायु कार्रवाई और सतत विकास पर कई ठोस कदम शामिल हैं। मैं उम्मीद करता हूं कॉप-28 के माध्यम से इन मुद्दों पर आम सहमति बनेगी। उन्होंने कहा, ‘भारत द्वारा आयोजित वॉयस ऑफ ग्लोबल साउथ समिट में वैश्विक दक्षिण ने समानता, जलवायु न्याय और साझा जलवायु कार्रवाई की जरूरत पर बात की। यह जरूरी है कि विकासशील देशों के प्रयासों को पर्याप्त जलवायु वित्तपोषण और प्रौद्योगिकी हस्तांतरण के साथ समर्थन दिया जाए। सतत विकास हासिल करने के लिए उनके पास समान कार्बन और विकास की जगह होनी चाहिए’।