कुमार गौरव
New Delhi News : कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय के द्वारा 2015 से चलाई जा रही प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के तहत 1.60 करोड़ से अधिक युवाओं को ट्रेनिंग दी गई। कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय में राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) जयंत चौधरी का कहना है कि इसका उद्देश्य देशभर के युवाओं को कौशल ट्रेनिंग प्रदान करना है। इस योजना के तहत शॉर्ट-टर्म ट्रेनिंग के माध्यम से नए कौशल सिखाने के साथ-साथ पहले से सीखे हुए कौशल को मान्यता देने के जरिए युवाओं का पुन: कौशल विकास और उन्नयन किया जा रहा है। केंद्र सरकार के अनुसार, 2015 से 31 दिसंबर 2024 तक पीएमकेवीवाई योजना के तहत कुल 1,60,33,081 उम्मीदवारों को प्रशिक्षित किया गया है।
‘स्किल इंडिया डिजिटल हब’ लॉन्च
कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय में राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) जयंत चौधरी का कहना है कि पीएमकेवीवाई के पहले तीन चरणों में शॉर्ट टर्म ट्रेनिंग के तहत प्रशिक्षित उम्मीदवारों के प्लेसमेंट ट्रैकिंग की गई। आंकड़ों के मुताबिक, इन चरणों में STT प्रमाणित उम्मीदवारों की औसत प्लेसमेंट दर 43% रही। उन्होंने कहा कि PMKVY 4.0 को एक केंद्रीय क्षेत्र योजना के रूप में लागू किया गया है, जिसमें प्रशिक्षित उम्मीदवारों को अलग-अलग करियर के विकल्पों को चुनने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। इस उद्देश्य को साकार करने के लिए सरकार ने ‘स्किल इंडिया डिजिटल हब’ लॉन्च किया है, जो कौशल, शिक्षा, रोजगार और उद्यमिता को एक साथ जोड़ता है।
ऑन-जॉब-ट्रेनिंग (OJT) पर जोर
जयंत चौधरी का कहना है कि ऑन-जॉब-ट्रेनिंग (OJT) पर जोर दिया जा रहा है। उम्मीदवारों को व्यावहारिक प्रशिक्षण देने के लिए On-Job-Training (OJT) को प्राथमिकता दी जा रही है। Recognition of Prior Learning (RPL) के तहत पूर्व में सीखे गए कौशल को अपडेट और मान्यता देने पर ज़ोर दिया गया है। उन्होंने कहा कि पिछले तीन वित्तीय वर्षों सहित चालू वित्तीय वर्ष (31 दिसंबर 2024 तक) में PMKVY 4.0 के तहत राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों में कुल 1244.52 करोड़ खर्च किए गए हैं।
सरकार का उद्देश्य और आगे की रणनीति
सरकार का लक्ष्य देश के युवाओं को आत्मनिर्भर बनाना और उन्हें बेहतर रोजगार एवं उद्यमिता के अवसर प्रदान करना है। PMKVY 4.0 के माध्यम से भारत में कौशल विकास की गुणवत्ता को सुधारने, उद्योगों की आवश्यकताओं के अनुसार कुशल कार्यबल तैयार करने और अर्थव्यवस्था को मजबूत करने की दिशा में ठोस प्रयास किए जा रहे हैं।