Uttar Pradesh Noida News (जुनेद अख्तर) : आखिरकार लंबे इंतजार के बाद चिल्ला एलिवेटेड रोड का काम गुरुवार से शुरू हो गया। नोएडा अथॉरिटी के सीईओ डॉ. लोकेश एम ने इसका भूमि पूजन किया और नारियल फोड़कर निर्माण कार्य शुरू कराया। अथॉरिटी का दावा है कि एलिवेटेड रोड का काम तीन साल में पूरा कर लिया जाएगा। हालांकि 2019 में भी इसका काम शुरू हुआ था। उस समय सीएम योगी आदित्यनाथ ने योजना का शिलान्यास किया था। फाउंडेशन और पाइलिंग के बाद फंड की कमी से काम रोक दिया गया था। उस समय करीब 79 करोड़ रुपये एलिवेटेड निर्माण पर खर्च किए गए थे। वहीं, अब इसके निर्माण में 624.9 करोड़ रुपये खर्च करने का दावा किया जा रहा है।
तीन साल में निर्माण करना है पूरा
नोएडा अथॉरिटी के सीईओ डॉ. लोकेश एम ने बताया कि वर्तमान में जनरल ऑफ अरेंजमेंट ड्रॉइंग के आधार पर सेतु निगम ने एजेंसी से परियोजना का काम शुरू करवाया है। पहले पिलर के लिए बुनियाद बनाने का काम होगा। इसके बाद ऊपर का काम आईआईटी से डिजाइन अप्रूवल के बाद किया जाएगा। उन्होंने बताया कि डिजाइन में यदि कोई बदलाव आता है तो सेतु निगम उसी आधार पर निर्माण करेगा। वहीं स्वायल टेस्टिंग रिपोर्ट आने के बाद काम तेजी से किया जाएगा। योजना के तहत छह लेन की इस एलिवेटेड को 296 पिलर पर बनाया जाना है। निर्माण कंपनी उप्र ब्रिज कार्पोरेशन लिमिटेड ने 17 दिसंबर 2024 को ठेकेदार कंपनी एमजी कंस्ट्रक्शन को कार्य दिया है। ठेकेदार के पास निर्माण पूरा करने के लिए तीन साल का समय होगा। दिल्ली और नोएडा के बीच यातायात भीड़ को कम करने के लिए 2012 में योजना की फिजिबिलिटी तैयार की गई थी। एलिवेटेड रोड 5.9 किमी लंबी बननी है।
10 लाख लोगों को जाम से मिलेगी निजात
बताया जा रहा है कि ये एलिवेटेड चिल्ला बार्डर से एक्सप्रेस-वे तक जाएगी। ऐसे में चिल्ला बार्डर से लिंक रोड होते हुए एक्सप्रेस वे आने वाले जाम समाप्त हो जाएगा। ये रोड चिल्ला से पीछे मयूर विहार फ्लाई ओवर से जुड़ेगी। जिससे एक एक्सप्रेस वे पर जाने के लिए एक नया लिंक बन जाएगा। इससे रोजाना करीब 10 लाख लोगों को जाम का सामना नहीं पड़ेगा। अथॉरिटी अधिकारी का कहना है कि वर्तमान में चिल्ला बार्डर पर पीक आवर में जाम लग जाता है। इसके बाद यह जाम धीरे-धीरे एक्सप्रेस-वे तक लग जाता है। एलिवेटेड रोड बनने से लोगों को इस जाम से मुक्ति मिल जाएगी।
चढ़ने और उतरने के लिए होंगे 6 लूप
एलिवेटेड रोड पर चढ़ने-उतरने के लिए छह जगह लूप बनाए जाएंगे। दिल्ली के चिल्ला बॉर्डर की तरफ से आते समय सेक्टर-14-उद्योग मार्ग की ओर उतरने के लिए लूप बनेगा। सेक्टर-15ए के पास से इस पर चढ़ने के लिए लूप बनाया जाएगा। डीएनडी की तरफ से आने वाले एमपी वन रास्ते पर सेक्टर-16 की तरफ उतरने व सेक्टर-16ए फिल्म सिटी की तरफ चढ़ने के लिए लूप बनाया जाएगा। एक लूप फिल्म सिटी समाप्त होने पर उतरने के लिए बनाया जाएगा। जीआईपी मॉल के थोड़ा आगे जाकर चढ़ने के लिए लूप बनेगा। इनके बनने के बाद इस रूट पर लगने वाला जामा पूरी तरह खत्म हो जाएगा।
2019 में सीएम ने रखी थी आधारशिला
2018 में दिल्ली सरकार से मंजूरी मिली। जनवरी 2019 में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसकी आधारशिला रखी। लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) से बजट जारी करने में देरी, गेल गैस पाइपलाइन के पुन: मार्ग और डिजाइन में बदलाव के कारण काम रोक दिया गया। कोविड-19 महामारी ने देरी को और बढ़ा दिया, जिससे परियोजना मार्च 2020 में रुक गई। अब तक केवल 13% निर्माण कार्य पूरा हुआ है। नोएडा अथॉरिटी द्वारा 79 करोड़ खर्च किए। वहीं योजना के शुरुआती फेज में इसकी कुल लागत 605 करोड़ रुपये थी।
ब्रिज कार्पोशन ने पेश किया था संशोधित बजट
अक्टूबर 2023 में ब्रिज कार्पोशन ने बढ़ती सामग्री लागत और टेंडर कॉस्ट का हवाला देते हुए संशोधित बजट 940 करोड़ रुपये का पेश किया। हालांकि उत्तर प्रदेश सरकार ने सैद्धांतिक मंजूरी दे दी। लेकिन नोएडा अथॉरिटी और राज्य सरकार को टेंडर को अंतिम रूप देने से पहले कई बार पुनः अनुमोदन की आवश्यकता थी। जिसके बाद ब्रिज कार्पोशन ने नोएडा अथॉरिटी अधिकारियों के साथ बैठक कर इस पूरे मामले वार्ता कर एलिवेटेड रोड का काम शुरू कर दिया।