Chhattisgarh Family Approach High Court For Funeral: छत्तीसगढ़ के जगदलपुर से एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है। यहां एक धर्मांतरित करने वाले परिवार को अपने घर के एक मृत सदस्य के अंतिम संस्कार के लिए हाई कोर्ट दरवाजा खटखटाना पड़ा। हाई कोर्ट के निर्देश के बाद धर्मांतरित परिवार को अपने घर के मृत सदस्य का अंतिम संस्कार के लिए जमीन मिल पाई। ये मामला जगदलपुर के छिंदबाहर गांव का है। मरने वाले व्यक्ति के परिवार ने ईश्वर कोर्राम को अपनाया था। ईसाई रीति रिवाजों के अनुसार शव को दफनाना था और इसी बात को लेकर विवाद हो रहा था।
छत्तीसगढ़ के जगदलपुर के एक गांव में सार्थिक कोर्राम परिवार को मृतक के अंतिम संस्कार के लिए हाईकोर्ट में अपील करनी पड़ी।#Chhattisgarh pic.twitter.com/Y8trnKkAsp
---विज्ञापन---— Pooja Mishra (@PoojaMishr73204) April 29, 2024
पूरे रीति रिवाजों के साथ अंतिम संस्कार
दरअसल, गांव के स्थानीय लोग सार्थिक कोर्राम में धर्मांतरित होने वाले परिवार को मृतक के अंतिम संस्कार के लिए जमीन देने को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे थे। मामले को लेकर विरोध बढ़ता देख पीड़ित परिवार के लोगों ने हाईकोर्ट में इस मामले को लेकर अपील की। इस मामले पर 28 अप्रैल को हाई कोर्ट का फैसला आया। हाई कोर्ट के निर्देश के बाद पुलिस सुरक्षा के बीच गांव में ही ईसाई रीति रिवाजों के अनुसार शव को दफनाया गया।
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हाई कोर्ट पहुंचा मामला
बता दें कि डिमरापाल के एक अस्पताल में 25 अप्रैल को एक सार्थिक कोर्राम व्यक्ति की मौत हुई थी। गांव के लोगों ने गांव में कोर्राम व्यक्ति के अंतिम संस्कार करने से इनकार कर दिया और उन्हें आवश्यक शमशान में जमीन नहीं दी। इसके बाद मामला हाई कोर्ट पहुंचा। मालूम हो कि बस्तर में धर्मांतरण से जुड़े विवाद को लेकर स्थानीय आदिवासी समुदाय और धर्मांतरित परिवारों के बीच लगातार इस तरह के विवाद सामने आ रहे हैं। जिससे कई बार कानून व्यवस्था की समस्या पैदा हो रही है।