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रायपुर: खुद के पक्के मकान का सपना हुआ पूरा, इस योजना से हजारों परिवारों में आई खुशियां

रायपुर: गरीब आदमी का अपना घर एक सपने के जैसा है। ऐसे कई जरूरतमंद परिवारों के खुद के पक्के मकान का सपना प्रधानमंत्री आवास योजना से पूरा हो रहा है। उन्हें कच्चे मकानों के ढह जाने की चिंता और बरसात के सीलन भरी दीवारों से अब छुटकारा मिल चुका है। प्रधानमंत्री आवास योजना की मदद […]

Edited By : Gyanendra Sharma | Updated: Aug 8, 2023 14:43
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रायपुर: गरीब आदमी का अपना घर एक सपने के जैसा है। ऐसे कई जरूरतमंद परिवारों के खुद के पक्के मकान का सपना प्रधानमंत्री आवास योजना से पूरा हो रहा है। उन्हें कच्चे मकानों के ढह जाने की चिंता और बरसात के सीलन भरी दीवारों से अब छुटकारा मिल चुका है। प्रधानमंत्री आवास योजना की मदद से हजारों परिवार अपने खुशियों के पल बिना किसी चिंता के साथ जी रहे हैं। छत्तीसगढ़ में आवासहीन परिवारों के लिए 8 लाख 62 हजार 839 आवास बनाए गए हैं। इसके अलावा 3 लाख 13 हजार 307 मकान बनाए जा रहे हैं, जो जल्द परिवारों को उपलब्ध होंगे।

बरसात के सीलन भरी दीवालों से मिला छुटकारा

पक्के मकान का सपने लिए परिवारों में से एक कोरिया जिले के ग्राम पंचायत कदरेवा में रहने वाले श्री हीरालाल का परिवार भी था। श्री हीरालाल काफी वर्षों से अपने परिवार के साथ कच्चे मकान में रहते थे, जहां बारिश के दिनों में छत से पानी टपकता था, जिससे उनके परिवार को काफी तकलीफ झेलनी पड़ती थी। आर्थिक रूप से सशक्त न होने की वजह से उनके लिए पक्का मकान बनवाना संभव नहीं था। बारिश के दिनों में सीलन आने की वजह से उनके परिवार को कई बीमारियां होती थी। इस बीच उन्हें प्रधानमंत्री आवास योजना के बारे में पता चला। उन्होंने आवेदन किया और अब उनका पक्का घर बन के तैयार हो चुका है। वे अब चिंता मुक्त और खुश हैं। हीरालाल बताते हैं कि वे अपने आस-पास के लोगों और रिश्तेदारों को भी इस योजना का लाभ लेने हेतु प्रोत्साहित करते हैं।

सपने हुए पूरे

जशपुर जिले के कुनकुरी विकासखण्ड के ग्राम पंचायत लोधमा निवासी 77 वर्ष के सिमोन मिंज का पक्का आवास बनाने का सपना अब पूरा हो गया है। सिमोन के पास दो कमरे की पुश्तैनी कच्ची झोपड़ी थी। जिसमें वे अपनी पत्नी और तीन बच्चों के साथ मुश्किल से जीवन यापन कर रहे थे। उनके आवेदन पर प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत वर्ष 2018-19 में पक्का आवास बनाने के लिए स्वीकृति प्रदान की गई। शासन से मिली एक लाख 30 हजार रूपए की अनुदान राशि और स्वयं के बचत और बच्चों की कमाई से अतिरिक्त एक लाख रूपए की राशि मिलाकर उन्होंने स्वयं पक्का मकान बना लिया।

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Written By

Gyanendra Sharma

First published on: Aug 08, 2023 02:43 PM

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