रायपुर: छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में अंतराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम में 3 साल पहले हुई अंधे कत्ल की गुत्थी पुलिस ने सुलझा ली है। मामले में पुलिस ने 3 शातिर आरोपियों को गिरफ्तार किया है। मिली जानकारी के अनुसार चरित्र शंका के चलते परसदा निवासी देवेश जांघड़े की हत्या हुई थी जिसका खुलासा पुलिस ने कर दिया है।
जानकारी के मुताबिक तीन साल पहले 29 सितंबर को मंदिर हसौद थाना में देवेश जांघडे की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी। अमन जांगड़े ने बताया था कि, देवेश बिना किसी को बताए घर से चला गया है।
इसी बीच ठीक अगले दिन अमन ने थाना पहुंचकर पनखटिया तालाब के मेढ़ के किनारे उसके छोटे भाई के शव के होने की सूचना दी। पुलिस ने प्रारंभिक रूप से मर्ग कायम कर पूरे मामले की तफ्तीश में जुट गई थी।
शव के पोस्टमार्टम रिपोर्ट में किसी ठोस चीज से गला दबाकर हत्या की गई थी। पुलिस टीम गठित कर मामले की छानबीन शुरू की गई। देखते ही देखते 3 साल का वक्त बीत गया था।
मंदिर हसौद पुलिस की संयुक्त टीम द्वारा तीन वर्ष पूर्व से लंबित हत्या के कड़ी में मृतक के भाई सहित आस-पास के लोगों से विस्तृत पूछताछ की गई।
इसी दौरान टीम के सदस्यों को घटना के बाद अंतिम बार मृतक देवेश जांगड़े को गांव के ही उसके साथी अमन जांगड़े, चंदशेखर एवं कमलेश के साथ ग्राम परसदा के पनखटिया तालाब में मछली पकड़ने की जानकारी मिली थी। इसके बाद अमन जांगड़े को पकड़ा गया। पुलिस ने साक्ष्यों के आधार पर अमन जांगड़े से कड़ाई से पूछताछ शुरू की।
आरोपी ने बताया कि, मृतक के अन्य आरोपी की बहन के साथ अवैध संबंध होने की चर्चा गांव में हो रही थी जिस वजह से उसे तीनों ने मिलकर मौत के घाट उतार दिया। पुलिस तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर उनके कब्जे से घटना में प्रयुक्त बिजली का तार जब्त कर आगे की कार्रवाई कर रही है।
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