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छत्तीसगढ़

कौन था 1.5 करोड़ का इनामी माओवादी बसव राजू? छत्तीसगढ़ में सुरक्षा बलों ने किया ढेर

छत्तीसगढ़ के नारायणपुर जिले के अबूझमाड़ क्षेत्र में बुधवार सुबह सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में माओवादी नेता बसव राजू को मारा गया। इसके साथ-साथ 27 नक्सली भी मारे गए। बसव राजू डेढ़ करोड़ रुपये का इनामी था।

Author Edited By : News24 हिंदी Updated: May 21, 2025 14:33
maoist chief basav raju encounter in Chhattisgarh
maoist chief basav raju encounter in Chhattisgarh

छत्तीसगढ़ से एक बड़ी खबर सामने आ रही है। नारायणपुर जिले के अबूझमाड़ क्षेत्र में बुधवार सुबह सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड में माओवादी नेता बसव राजू मारे गए। इसके साथ-साथ कम से कम 27 नक्सली भी मारे गए। बता दें कि बसव राजू डेढ़ करोड़ रुपये का इनामी था। सूत्रों के अनुसार पता चला है कि नारायणपुर, दंतेवाड़ा, बीजापुर और कोंडागांव के चार जिलों के जिला रिजर्व गार्ड (डीआरजी) द्वारा यह अभियान इस सूचना के आधार पर चलाया गया। एक वरिष्ठ माओवादी नेता अबूझमाड़ के एक विशिष्ट क्षेत्र में छिपा हुआ है।

कौन था बसव राजू?

आंध्र प्रदेश के श्रीकाकुलम का रहने वाला बसव राजू संगठन के अंदर कई नामों, गंगना, प्रकाश और बीआर नाम से जाना जाता था। उसने बीटेक की पढ़ाई की थी और फिर माओवादी संगठन से जुड़ गया। पोलित ब्यूरो के सदस्य बसव की उम्र करीब 70 साल बताई जा रही है। बता दें कि 1970 में उसने घर छोड़ दिया और माओवादी संगठन के साथ शामिल हो गया। इस दौरान उसने 1987 में बस्तर में जंगल में लगे लिट्टे के कैंप में बम बनाने और एबुंश की ट्रेनिंग ली थी।

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छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साई ने क्या कहा?

बता दें कि अबूझमाड़ गोवा राज्य से भी बड़ा सर्वेक्षण रहित क्षेत्र है। इसका एक बड़ा हिस्सा नारायणपुर में है, लेकिन यह बीजापुर, दंतेवाड़ा, कांकेर और महाराष्ट्र के गढ़चिरौली जिले तक भी फैला हुआ है। इस मुठभेड़ के बारे में बात करते हुए छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साई ने कहा है कि ऑपरेशन मुख्य रूप से डीआरजी द्वारा चलाया जाता है। मैं उनकी बहादुरी को सलाम करता हूं। हम शुरू से ही उनसे आत्मसमर्पण करने की अपील कर रहे हैं। इसे बार-बार दोहराने की कोई आवश्यकता नहीं है।

ब्लैक फॉरेस्ट के नाम से चलाया गया अभियान

बता दें कि यह घटना छत्तीसगढ़-तेलंगाना सीमा पर करेगुट्टालू पहाड़ियों में और उसके आसपास सुरक्षा बलों द्वारा ‘ब्लैक फॉरेस्ट’ कोड नाम से चलाए गए एक बड़े नक्सल विरोधी अभियान के एक महीने से भी कम समय बाद हुई है। हालांकि 21 दिनों के बाद मुठभेड़ को बंद कर दिया गया, लेकिन शीर्ष अधिकारियों ने दावा किया कि प्रमुख माओवादी नेतृत्व और उनकी सशस्त्र शाखा पीपुल्स लिबरेशन गुरिल्ला आर्मी की खूंखार बटालियन 1 को भारी नुकसान पहुंचा है।

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यह अभियान 21 अप्रैल को शुरू हुआ था, जब सुरक्षा बलों को कई एजेंसियों से सूचना मिली थी कि हिडमा माडवी सहित शीर्ष माओवादी नेता और कमांडर कर्रेगुट्टा पहाड़ियों पर देखे गए हैं। मुठभेड़ में कुल 31 माओवादी मारे गए। सूत्रों के मुताबिक पता चला है कि मारे गए लोगों में एक 16 वर्षीय युवक भी शामिल है।

First published on: May 21, 2025 02:33 PM

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