Seminar On Constitution Day: राज्यपाल रमेन डेका ने संविधान दिवस के अवसर पर आयोजित सेमिनार में व्यक्त किया। श्री बालाजी ग्रुप ऑफ हॉस्पिटल और कॉलेज रायपुर के ऑडिटोरियम में आयोजित सेमिनार में राज्यपाल डेका बतौर मुख्य अतिथि मौजूद थे।
हमारा संविधान दुनिया का सबसे सुंदर संविधान है। दुनिया के 60 देशों के संविधान का अध्ययन कर हमारे संविधान का निर्माण हुआ है। संविधान को केवल पढ़े नहीं बल्कि इसे समझे और इसका पालन करें। श्री डेका ने सेमिनार में भारत के संविधान के संबंध में अपने विचार रखे। उन्होंने संविधान की अलग-अलग धाराओं के तहत उल्लेखित नियमों का जिक्र किया।
उन्होंने कहा कि बीते 75 सालों की यात्रा में बहुत चुनौतियां रही, इसलिए समय-समय पर संविधान में कई संशोधन किए गए जो देश की बदलती जरूरतों के अनुसार जरूरी थे। किन्तु इन बदलावों के बावजूद संविधान की मूलभावना, समानता, स्वतंत्रता और न्याय अक्षुण्ण रही। यह हमारे संविधान की अद्वितीय विशेषता है कि यह स्थिरता और लचीलापन दोनों का संतुलन बनाए रखता है।
आज श्री बालाजी ग्रुप ऑफ हॉस्पिटल एवं कॉलेज रायपुर के ऑडिटोरियम में संविधान दिवस के अवसर पर आयोजित संगोष्ठी मे बतौर मुख्य अतिथि सम्मिलित हुआ।@rashtrapatibhvn @VPIndia @GovernorCG @ArunSao3 pic.twitter.com/0CrKq9Ismp
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राज्यपाल ने कहा कि भाषण की स्वतंत्रता हमारे संविधान ने हमें दी है। लोकतंत्र में राजनीति का बहुत महत्व है। महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए संविधान में प्रावधान किए गए है। उन्होंने कहा कि ज्यादा से ज्यादा महिलाओं को राजनीति में भागीदारी करना चाहिए। महिलाओं में नेतृत्व क्षमता और सही निर्णय लेने की क्षमता तथा ज्ञान होना जरूरी है जिससे महिलाएं सशक्त होंगी।
सेमिनार में उपमुख्यमंत्री अरूण साव ने भी अपना उद्बोधन दिया। उन्होेंने कहा कि लंबी लड़ाई के बाद देश आजाद हुआ और संविधान निर्माण के लिए संविधान सभा बनाई गई। सभा के 284 सदस्यों ने संविधान के प्रारूप का अनुमोदन किया फिर 26 नवम्बर 1949 को अंगीकृत किया गया।
मूल संविधान अंग्रेजी में था, छत्तीसगढ़ के घनश्याम दास गुप्ता के नेतृत्त्व में उसका हिन्दी अनुवाद हुआ। यह हमारे लिए गर्व की बात है। साव ने कहा कि आज भारत दुनिया का नेतृत्व करने के लिए तैयार है इसका मूल कारण हमारा संविधान ही है।
सेमिनार के मुख्य वक्ता ‘‘हमारा संविधान भाव एवं रेखांकन‘‘ तथा ‘‘संविधान की जन्म कथा‘‘ पुस्तकों के लेखक क्ष्मीनारायण भाला ने संविधान निर्माण के इतिहास को रेखांकित किया। उन्होंने हर साल 26 नवम्बर को संविधान दिवस मनाने के सरकार के फैसले के लिए आभार व्यक्त किया।
स्वागत उद्बोधन छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता धनीराम पटेल ने दिया। इस अवसर पर बसना के विधायक संम्पत अग्रवाल, पवन साय, बालाजी ग्रुप के चेयरमैन डॉ. देवेन्द्र नायक, एमडी डॉ. नीता नायक, संचालक डॉ. वीरेन्द्र पटेल, डॉ. नितिन पटेल और अन्य अधिकारी, प्रबुद्धजन तथा छात्र-छात्राएं बड़ी संख्या में मौजूद थे।
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