CM Bhupesh Baghel got flogged after worship Gaura-Gauri: बीते रविवार को दिवाली की रात देशभर में धूम धड़ाके के साथ इस खुशी के त्योहार को मनाया गया। वहीं, छत्तीसगढ़ में दिवाली के अगले दिन गौरा-गौरी की पूजा किए जाने की प्रथा है। ऐसे में छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल खुद इस रस्म का हिस्सा हर बार बनते हैं। इसी के चलते रविवार रात मनाई गई दिवाली के बाद सोमवार की सुबह इसी रस्म को निभाते हुए सीएम भूपेश बघेल गौरा-गौरी की पूजा के लिए दुर्ग जिले के जांजगीर में पहुंचे, जहां उन्होंने पूजा अर्चना कर प्रदेशवासियों के सुख और समृद्धि की कामना की। इस दौरान सीएम बघेल के हाथों पर चाबुक का प्रहार भी किया गया। छत्तीसगढ़ के लोग इस मान्यता के पीछे बड़ी वजह भी बताते हैं।
पूजा के बाद सीएम को मारे गए चाबुक, लोगों ने बताई बड़ी वजह
सोंटा प्रहार जारी है…
सभी विघ्नों के नाश तथा मंगल कामनाओं के साथ. pic.twitter.com/rtHGRX0J5F---विज्ञापन---— Bhupesh Baghel (@bhupeshbaghel) November 13, 2023
दुर्ग के जांजगीर में दिवाली के ठीक एक दिन बाद यानी सोमवार सुबह गौरा-गौरी पूजा के दिन एक अनुष्ठान के तहत छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की बांह पर चाबुक मारे गए। आपको बता दें कि मुख्यमंत्री बघेल हर वर्ष इस लोक अनुष्ठान में हिस्सा लेने आते हैं। छत्तीसगढ़ के लोगों के अनुसार, गौरा गौरी की पूजा के दौरान चाबुक पड़ने वाली इस रस्म के पीछे बड़ी मान्यता है। लोक मान्यताओं के मुताबिक, गौरा-गौरी पूजन के मौके पर चाबुक से किए जाने वाले प्रहार से अमंगल टल जाते हैं और खुशहाली आती है।
‘कितना भी बड़ा आदमी हो, गौरा गौरी के आगे बराबर है’ : सीएम बघेल
आपको बता दें कि इस रस्म के तहत छत्तीसगढ़ के लोग रातभर गौरा-गौरी का निर्माण करते हैं और सुबह उनकी पूजा अर्चना करते हैं। दिवाली की अगली सुबह होने वाली पूजा के बाद घर-घर जाकर उनकी आरती ली जाती है और इस दौरान नारियल भी भेंट किया जाता है। इसी रस्म को निभाने पहुंचे सीएम बघेल ने कहा कि पूजन के साथ ही सभी की ओर से सोंटा यानी चाबुक भी लिया जाता है। चाबुक खाने के पीछे की वजह बताते हुए सीएम बघेल के कहा कि कितना भी बड़ा आदमी हो जाए, गौरा-गौरी के सामने सभी लोग बराबर ही हैं। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि दिवाली के मौके पर सीएम भूपेश बघेल ने एक बड़ा एलान किया है। सीएम बघेल ने ‘छत्तीसगढ़ गृह लक्ष्मी योजना’ का एलान किया है।