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अनोखी रामलीला, जहां राम से लेकर रावण तक सभी किरदार निभाती हैं महिलाएं

Chhattisgarh Unique Ramleela: बेटियां छत्‍तीसगढ़ के बालोद जिले के कई गांवों में राम-रावण का वेष धारण कर अपनी कला से लोगों को मंत्र मुग्ध कर रही हैं।

Edited By : Shailendra Pandey | Updated: Oct 24, 2023 14:20
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Chhattisgarh Unique Ramleela: बेटियां आज किसी भी मामले में बेटों से कम नहीं है। वे सभी क्षेत्रों में पुरुषों के साथ कदम से कदम मिलाकर चल रही हैं। इसी क्रम में बेटियां दशहरा पर गांवों में होने वाले रामलीला के मंचन पर अब अपना लोहा मनवा रही है। इसी प्रकार छत्‍तीसगढ़ के बालोद जिले की कई गांवों में आज लड़कियां राम-रावण का वेष धारण कर अपनी कला से लोगों को मंत्र मुग्ध कर रही हैं।

बड़े ही उत्साह के साथ देखते हैं लोग

वर्षों तक पुरुष मंडली की प्रस्तुति देख चुके ग्रामीण अब इन बेटियों की प्रस्तुति को बड़े ही उत्साह के साथ देखते हैं, और उनका उत्साहवर्धन करते हैं। जिले के ग्राम टेकापार, गोरकापार, गंगोरीपार, निपानी, परसवानी की बालिकाएं रामलीला की बागडोर संभाले हुए हैं। गुरुर ब्लाक के ग्राम गंगोरीपार में विगत दो वर्षों से यहां की बालिकाएं रामलीला का मंचन सराहनीय ढंग से कर रही है। रामलीला मंचन की प्रस्तुति के दौरान निकाली जाने वाली झांकी और शोभायात्रा भी विशेष आकर्षण का केंद्र रहती है।

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15 दिन पहले से ही शुरू कर देती हैं तैयारी

रामलीला मंडली के पदाधिकारियों ने बताया कि इन बालिकाओं के उत्साह को देखते हुए ही हमने भी निर्णय लिया है कि अब पुरुषों के बजाय बालिकाओं को ही पात्र दिया जाए। उन्होंने आगे कहा कि कार्यक्रम से लगभग 15 दिन पहले इसका रिहर्सल किया जाता है, जिससे इनमें से किसी में भी आत्मविश्वास की कमी है तो उसे दूर किया जा सके और वे निर्भीक होकर दर्शकों के बीच अपनी बात स्पष्ट रूप से रख सकें।

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रामलीला में बालिकाओं द्वारा निभाए जा रहे अभिनय को लेकर गंगोरीपार के छगन लाल निषाद, गुमान साहू, टिकेश्वर ठाकुर ने बताया कि हमारे गांव में बीते कई वर्षों से रामलीला का मंचन किया जा रहा है। पहले यह पुरुष करते थे, लेकिन अब बालिकाएं आगे आई हैं, जिनको देखने के लिए पूरा गांव उमड़ पड़ता है।

 

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Written By

Shailendra Pandey

First published on: Oct 24, 2023 02:20 PM

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