अभिषेक सेमर
Chhattisgarh Patwari On Ungranted Leave 10 Years: ‘धान का कटोरा’ कहा जाने वाला छत्तीसगढ़ राज्य 24 साल पहले बना था। इस राज्य के निर्माण का मकसद था कि व्यवस्था बेहतर ढंग से काम करेगी। इससे आदिवासी जीवन और जंगली संपदा से समृद्ध राज्य में खुशहाली आएगी। लेकिन छत्तीसगढ़ की व्यवस्था कैसे काम करती है। इसका जीता जागता सबूत बिलासपुर जिले से सामने आया है।
दरअसल बिलासपुर जिले के तखतपुर तहसील में काम करने वाले एक पटवारी बीते 10 साल से बिना किसी सूचना के गायब है। इस बात की जानकारी जब एसडीएम ज्योति पटेल को मिली तो वह हैरान रह गईं। पटवारी की लापरवाही से भड़कीं एसडीएम ने सख्त कदम उठाते हुए आरोपी को उपस्थित होने का अल्टीमेटम जारी किया है। साथ ही कार्रवाई करने के निर्देश जारी किए है।
बिलासपुर जिले में तखतपुर तहसील के एक पटवारी बीते 10 साल से बिना किसी सूचना के गायब है और सैलेरी उठा रहे हैं।
---विज्ञापन---एसडीएम ज्योति पटेल ने जांच के आदेश pic.twitter.com/ZlKzVYzNG4
— Pooja Mishra (@PoojaMishr73204) July 5, 2024
एसडीएम ज्योति पटेल का एक्शन
एसडीएम ज्योति पटेल ने बताया कि तहसील तखतपुर में कार्यरत पटवारी राजेश सिंह 4 अगस्त, 2013 से बिना किसी सूचना के अनुपस्थित हैं, जिन्हें 3 दिन के भीतर एसडीएम कार्यालय में उपस्थित होने को कहा गया है। एसडीएम ने कहा कि अगर आरोपी कर्मचारी उपस्थित नहीं होते हैं तो छत्तीसगढ़ सिविल सेवा आचरण नियम 1965 के तय 7 प्रावधानों के तहत कार्रवाई की जाएगी।
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एसडीएम ने बैठाई आंतरिक जांच
पटवारी के 10 साल से सेवा से गायब रहने की बात तब पता चली, जब एसडीएम ने आंतरिक जांच बैठाई। इसमें 1 महीने या उससे अधिक समय से ड्यूटी से गायब रहने वाले पटवारियों और शासकीय सेवकों की जानकारी ली गई, जिसमें 6 पटवारियों के सेवा से गायब रहने की बात चली। इन्हीं छह लोगों में पटवारी राजेश सिंह भी थे, जो 10 साल से बिना किसी सूचना के सेवा से गायब हैं।
मीडिया को जारी विज्ञप्ति में कहा गया है कि छत्तीसगढ़ सिविल सेवा आचरण नियम के प्रावधानों के तहत बिना किसी सूचना के गायब रहने वाले पटवारियों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की जानी चाहिए। इसके साथ ही ऐसे लोगों को विभागीय जांच के दौरान निलंबन में रखा जाना आवश्यक नहीं है।