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छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़ के आखिरी गांव पमेड़ में पहली बार चली बस, नक्सलवाद के खिलाफ बड़ा कदम

Chhattisgarh’s Last Village: एक गांव जहां सड़कों पर सिर्फ सन्नाटा था, जहां तरक्की के सारे सपने अधूरे थे। यह है बीजापुर जिले का पामेड़ गांव, जो अब तक बिल्कुल अकेला था। लेकिन अब पहली बार यहां बस सेवा शुरू हो गई है। यह सिर्फ एक सफर नहीं, बल्कि नक्सलवाद के डर में जी रहे लोगों के लिए नई उम्मीद की किरण है।

Author Edited By : Ashutosh Ojha Updated: Mar 2, 2025 13:15
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Chhattisgarh’s Last Village: बीजापुर का आखिरी गांव पामेड़, जहां जाने के लिए लोगों को कभी 200 किलोमीटर का लंबा सफर तय करना पड़ता था, अब सीधे जिले से जुड़ गया है। यह वही इलाका है, जहां सड़कों पर वाहनों की आवाज से ज्यादा धमाकों की गूंज सुनाई देती थी। जहां विकास का सपना, नक्सलियों के साये में दम तोड़ देता था। लेकिन अब तस्वीर बदल रही है। सरकार ने इस दुर्गम क्षेत्र तक बस सेवा शुरू कर दी है, जो न सिर्फ एक सफर को आसान बना रही है, बल्कि नक्सल प्रभावित इस इलाके को मुख्यधारा से जोड़ने की एक नई उम्मीद भी जगा रही है।

पामेड़ गांव अब बस सेवा से जुड़ा

छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले का आखिरी गांव पामेड़ अब बस सेवा से जुड़ गया है। यह गांव अब तक सीधे जिले से नहीं जुड़ा था और वहां पहुंचने के लिए लोगों को तेलंगाना के रास्ते जाना पड़ता था। लेकिन अब राज्य सरकार ने नक्सल प्रभावित इस क्षेत्र में विकास को गति देने के लिए सात पंचायतों को जोड़ते हुए पामेड़ तक बस सेवा शुरू की है। यह कदम बीजापुर के तेजी से विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि माना जा रहा है। बीजापुर, जो अक्सर नक्सली हमलों, आईईडी ब्लास्ट और मुठभेड़ों की वजह से सुर्खियों में रहता था, अब एक नई पहचान की ओर बढ़ रहा है।

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50 साल बाद बस सेवा की शुरुआत

पिछले 50 सालों से इस इलाके में कोई बस सेवा उपलब्ध नहीं थी। पहले यहां सड़कें थीं, लेकिन उन पर वाहनों का संचालन नहीं होता था। धीरे-धीरे नक्सलियों ने इस पूरे क्षेत्र पर कब्जा कर लिया और वहां विकास कार्य रुक गए। लेकिन अब सरकार की ओर से यहां तेजी से सड़क निर्माण, सुरक्षा कैंप और अन्य बुनियादी सुविधाएं विकसित की जा रही हैं। अधिकारियों के मुताबिक, बीते चार महीनों में नक्सल प्रभावित इस इलाके में विकास कार्यों की रफ्तार काफी तेज हुई है। इस बस सेवा की शुरुआत से स्थानीय लोगों को काफी राहत मिलेगी और वे सीधे जिला मुख्यालय से जुड़ सकेंगे।

पामेड़ से अब सीधा जुड़ा बीजापुर जिला

बीजापुर कलेक्टर संबित मिश्रा ने कहा कि यह बहुत खुशी की बात है कि अब पामेड़ सीधे बीजापुर से जुड़ गया है। पहले इस गांव तक पहुंचने के लिए करीब 200 किलोमीटर का अतिरिक्त सफर तय कर तेलंगाना के रास्ते जाना पड़ता था। लेकिन हाल ही में स्थापित सुरक्षा बलों के कैंपों के कारण अब पामेड़ को बीजापुर से सीधे जोड़ा गया है। इस रूट पर ‘नियाद नेल्लानार’ योजना के तहत कई गांवों को जोड़ा गया है, जिससे इन क्षेत्रों के लोगों को सार्वजनिक परिवहन की सुविधा मिल सकेगी और वे पहली बार सीधे बीजापुर मुख्यालय तक आ-जा सकेंगे।

विकास और शांति की ओर बढ़ता बीजापुर जिला

सरकार की इस पहल से नक्सल प्रभावित इलाके में विकास कार्यों को और मजबूती मिलेगी। सड़क, बिजली, पानी और अन्य सुविधाओं के विस्तार से स्थानीय लोगों का जीवन बेहतर होगा और वे मुख्यधारा से जुड़ पाएंगे। यह बस सेवा न केवल यातायात सुविधा को बढ़ावा देगी, बल्कि क्षेत्र में शांति और सुरक्षा के प्रयासों को भी मजबूती देगी। बीजापुर जिले में इस बदलाव को एक बड़े सकारात्मक परिवर्तन के रूप में देखा जा रहा है, जिससे नक्सल प्रभावित इलाकों में विकास की नई रोशनी पहुंचेगी।

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Edited By

Ashutosh Ojha

First published on: Mar 02, 2025 01:15 PM

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