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छत्तीसगढ़

155 गैर-मुस्लिमों से नमाज पढ़वाने का मामला गरमाया, क्या है छत्तीसगढ़ की सेंट्रल यूनिवर्सिटी के NSS कैंप का विवाद?

NSS कैंप में गैर-मुस्लिमों से जबरन नमाज पढ़वाने का मामला गरमा गया है। छत्तीसगढ़ की गुरु घासीदास यूनिवर्सिटी का मामला है और अब कुलपति को हटाने की मांग की जा रही है। आइए जानते हैं कि आखिर पूरा मामला क्या है?

Author Edited By : Khushbu Goyal Updated: Apr 26, 2025 13:36
Guru Ghasidas Central University

वीरेन्द्र गहवई, बिलासपुर (छत्तीसगढ़)

छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले के गुरु घासीदास केंद्रीय विश्वविद्यालय में NSS कैंप में 150 गैर-मुस्लिमों से नमाज पढ़वाने का मामला गरमाता जा रहा है। कोनी थाने में शिकायत दर्ज कराई गई है। वहीं गुरु घासीदास केंद्रीय विश्विद्यालय के छात्रों और हिंदूवादी संगठनों ने विश्वविद्यालय प्रबन्धन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। 26 मार्च से 1 अप्रैल तक कोटा के शिवतराई में कैंप लगा था। इसमें विश्वविद्यालय के 159 छात्र शामिल हुए थे, लेकिन इनमें सिर्फ 4 मुस्लिम छात्र थे, बाकी 155 हिंदू थे।

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आरोप हैं कि कैंप में 30 मार्च को ईद के दिन 155 हिंदू छात्रों से भी जबरिया नमाज पढ़वाई गई। मामला सामने आने के बाद विवि प्रबंधन ने NSS के 12 को-ऑर्डिनेटर को हटा दिया। अब हिंदूवादी संगठनों ने यूनिवर्सिटी के कुलपति को हटाने और NSS के को-आर्डिनेटर को बर्खास्त करने की मांग की है। आरोप लगाया गया है कि मामले की जांच के लिए फैक्ट फाइंडिंग कमेटी बनाई गई थी, जिसने 48 घंटे में अपनी रिपोर्ट देनी थी, लेकिन एक हफ्ता बीतने के बाद भी रिपोर्ट नहीं आई है।

पुलिस ने की मामले की पुष्टि

बिलासपुर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक रजनेश सिंह ने मामले की पुष्टि की। उन्होंने CSP सिटी कोतवाली को जांच के आदेश दिए हैं। RSS, विश्व हिंदू परिषद (VHP), बजरंग दल जैसे हिंदू संगठन इस मामले पर नजर बनाए हुए हैं। हिंदू संगठनों से जुड़े नेताओं तथा विश्वविद्यालय के छात्रों ने सरकार से भी मामले में दखल देने की गुहार लगाई है।

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विश्वविद्यालय प्रबंधन के मीडिया प्रभारी MN त्रिपाठी ने भी मामले की पुष्टि की और बताया कि कैंप में हिस्सा लेने वाले वॉलंटियर्स ने NSS को-ऑर्डिनेटर और प्रोग्राम ऑफिसर पर आरोप लगाए हैं, जिसके चलते NSS को-ऑर्डिनेटर को सस्पेंड कर दिया गया है।

पुलिस अधीक्षक रजनेश सिंह ने बताया कि मामले के बारे में विश्वविद्यालय प्रबंधन से बात की गई है। प्रबंधन से मामले की रिपोर्ट मांगी गई है। फैक्ट फाइडिंग कमेटी की जांच पूरी होने के बाद जो रिपोर्ट सामने आएगी, उसके आधार पर दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

First published on: Apr 26, 2025 01:20 PM

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