Governor Ramen Deka In 31st Conference Of International Academy Of Physics: भारत सबसे तेजी से बढ़ती हुई अर्थव्यवस्थाओं में एक है और 5 ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था की ओर अग्रसर है। ऐसे दौर में साइंटिफिक रिसर्च एंड इनोवेशन की भूमिका को कम नहीं आंका जा सकता। जब हम तेजी से तकनीकी प्रगति और वैश्विक चुनौतियों के दौर में आगे बढ रहे हैं तो भौतिक विज्ञान पहले से अधिक महत्वपूर्ण हो गया है।
यह विचार राज्यपाल रमेन डेका ने भौतिक विज्ञान के अंतर्राष्ट्रीय अकादमी के 31 वें सम्मेलन को संबोधित करते हुए व्यक्त किया। पंडित रविशंकर विश्वविद्यालय के सभागार में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में बतौर मुख्य अतिथि राज्यपाल रमेन डेका ने कहा कि दुनिया आज महत्वपूर्ण पर्यावरणीय, तकनीकि और सामाजिक चुनौतियों से जूझ रही है।
इस सम्मेलन में भाग लेने वाले वैज्ञानिक समुदाय में महत्वपूर्ण प्रभाव डालने की क्षमता रखते हैं। वे अत्याधुनिक रिसर्च के जरिए इन वैश्विक मुद्दों को हल करने में हमारी मदद कर सकते हैं।
डेका ने कहा कि सम्मेलन का विषय भौतिक विज्ञान में उभरते रूझान इस उभरते क्षेत्र में अपने ज्ञान पर चर्चा करने और उसे बढ़ाने के लिए शोधकर्ताओं को एक साथ लाकर वैज्ञानिक जांच और नवाचार के लिए सामूहिक प्रतिबद्धता को दर्शाता है। उन्होंने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की कि भौतिकी, केमिकल साइंस, गणित, सांख्यिकी, कम्प्यूटर विज्ञान और जैव सूचना विज्ञान सहित अलग-अलग विषयों के वैज्ञानिक इस सम्मेलन में एक साथ मौजूद हैं।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020
राज्यपाल ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 ने भारत की शिक्षा पारिस्थितिक तंत्र को बदलने के लिए एक व्यापक दृष्टिकोण रखा है। यह अनुसंधान इनोवेशन और आलोचनात्मक सोच के महत्व पर जोर देता है। यह सम्मेलन राष्ट्रीय शिक्षा नीति के लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में प्रेरक का काम करेगी। सम्मेलन युवा और नवोदित वैज्ञानिकों को यंग साइंटिस्ट अवार्ड के माध्यम से अपने संभावित शोध को प्रदर्शित करने का अवसर प्रदान कर रहा है।
स्नातकोत्तर छात्रों को शामिल करना और उनकी पोस्टर प्रस्तुतियां इस दिशा में एक सराहनीय पहल है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि ज्ञान, विचारों और अनुभवों को साझा करने के साथ-साथ महत्वपूर्ण शोध और अभिनव समाधानों के लिए यह सम्मेलन उत्प्रेरक सिद्ध होगा। इस अवसर पर स्वागत भाषण रविशंकर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर सच्चिदानंद ने दिया।
प्रोफेसर कल्लोल घोष ने सम्मेलन के उद्देश्य पर प्रकाश डाला। भौतिक विज्ञान के अंतर्राष्ट्रीय अकादमी के अध्यक्ष प्रोफेसर एचएस धामी और केन्द्रीय विश्वविद्यालय हरियाणा के कुलपति प्रोफेसर टंकेश्वर प्रसाद ने सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में अपने विचार व्यक्त किए। इस अवसर पर शब्दकोश का विमोचन किया गया।
राज्यपाल डेका ने पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय के एनालॉटिकल इंस्ट्रूमेंट लेबोरेटरी और नवप्रवर्तन प्रौद्योगिकी और उद्यमिता फाउंडेशन का उद्घाटन किया। राज्यपाल ने सभागार परिसर पर पौधारोपण भी किया। कार्यक्रम में अलग-अलग विश्वविद्यालयों के वैज्ञानिक, विद्वान, विशेषज्ञ, शोधकर्ता और छात्र-छात्राएं मौजूद थे।
ये भी पढ़ें- छत्तीसगढ़ की Future City बनने जा रहा है ये शहर; सिर्फ 109 करोड़ बिछाई जाएगी पानी की पाइप लाइन