रायपुर: भाई- बहनों के आपसी प्रेम का त्योहार रक्षाबंधन पूरे देश में बड़ी ही धूमधाम से मनाया गया। बहनों ने भाइयों की कलाइयों पर राखी बांधी और हमेशा साथ निभाने का वादा लिया। इसी क्रम में छत्तीसगढ़ में खैरागढ़ का बख्शी परिवार भी है। जहां पर एक साथ चार पीढ़ियां भाई-बहन के इस पवित्र त्योहार को हर साल मनाती हैं।
रक्षाबंधन का पूरे साल करते हैं इंतजार
इस परिवार के लोग खासतौर पर रक्षाबंधन के लिए दूर-दूर से आकर एक जगह इकट्ठे होते हैं और फिर वे सभी एकजुट होकर इस त्योहार को बड़े उल्लास के साथ मनाते हैं। इस परिवार में चार पीढ़ियों के डेढ़ साल से लेकर 80 साल तक के भाई मौजूद हैं। जिन्हें बहनें राखी बांधती है। परिवार के भाई-बहनों का आपस में इतना प्रेम है कि वे रक्षाबंधन का इंतजार पूरे साल करते हैं।
यह भी पढे़ं- सीएम बघेल ने अपने सम्बोधन में कहा- ऐसा लगा जैसे कोई अपना, अपने ही घर आया
दिनभर साथ रहकर करते हैं मस्ती
परिवार के लोगों में रक्षाबंधन को लेकर इतना उत्साह है कि वे आपस मे मिलने के लिए दूर-दूर से आते हैं। इसके लिए कुछ परिवार विदेशों से भी पहुंचते है। परिवार के सदस्य छत्तीसगढ़ शासन के विधि विभाग के प्रमुख सचिव रजनीश श्रीवास्तव ने बताया कि वर्तमान में जॉइंट फैमिली का कॉन्सेप्ट कम हो रहा है और हमारे परिवार के लोग भी दूर-दूर रहते हैं। लेकिन हर साल रक्षाबंधन के दिन हम लोग किसी एक भाई-बहन के यहां इकट्ठे होते हैं। हम लोग दिनभर साथ रहते हैं और आपस में खूब मनोरंजन करने के साथ बहुत सारी चीजें एक-दूसरे से शेयर करते हैं।
हर साल 100 लोगों के करीब होते हैं इकट्ठा
रजनीश ने बताया कि परिवार की यही कोशिश रहती है कि हम बच्चों को सही संस्कार दे सकें और जिसके लिए पुरानी पीढ़ी और नई पीढ़ी के लोग आपस मे मिलते हैं। परिवार के सदस्य निलेश बख्शी ने बताया कि उनके दादा के पिता स्वर्गीय बैन लाल बख्शी खैरागढ़ रियासत में मंत्री थे और उनके पुत्र स्वर्गीय रमाकांत बख्शी, कला और नाट्य की दुनिया से जुड़े रहे। उन्होंने अपने पुत्र सूर्यकांत बख्शी को हमेशा परिवार को एकजुट रखने के लिए कहा था और इसी का परिणाम है कि आज भी पूरा परिवार दूर रहते हुए भी रक्षाबंधन के इस पावन अवसर पर एक साथ रहकर आपस में प्यार बांटता है। परिवार के सबसे वरिष्ठ सदस्य सूर्यकांत बख्शी ने बताया कि हम हर साल 100 लोगों के करीब इकट्ठे होते हैं। जिसमें 35 भाई-बहनों का जोड़ा है, जो एक साथ बैठकर राखी बंधवाते है।