Chhattisgarh Budget 2024: छत्तीसगढ़ विधानसभा के बजट सत्र में विष्णुदेव सरकार आज अपना पहला बजट पेश कर दिया है। वित्त मंत्री ओपी चौधरी सदन में छत्तीसगढ़ के ‘अमृतकाल के नींव का बजट’ को पेश कर रहे हैं। छत्तीसगढ़ के इस बजट में मोदी गारंटी की झलक देखने को मिल रही है। इस बजट में श्रद्धालुओं के लिए रामलला तीर्थ योजना समेत किसानों के धान की अंतर राशि, पीएम आवास योजना, हाफ बिजली बिल योजना, हर घर तक नल जल योजना और यूपीएससी की तर्ज पर प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए भी काफी कुछ है।
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GDP को दोगुना बढ़ाने का लक्ष्य
बजट 2024 को पेश करते हुए वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने 5 सालों में प्रदेश की GDP को 5 लाख करोड़ से 10 लाख करोड़ तक पहुंचाने का लक्ष्य तय किया है। इसके लिए उन्होंने सरकार ने 10 पिलर्स का निर्धारण किया गया है। जिसमें आर्थिक विकास को केंद्र बिंदु में रखा गया है। वित्त मंत्री ने कहा कि जीडीपी में अभी भी सेवा क्षेत्रों का योगदान 31% है इसे बढ़ाने की आवश्यकता है।
किस विभाग को कितना मिला?
विभिन्न विभागों को तकनीकी समृद्ध करने के लिए 266 करोड़ का प्रावधान रखा गया है। इसमें आमजनों के हितों में प्राकृतिक संसाधनों के लाभ का समान वितरण, ईको टूरिज्म के लिए रोडमैप, सरकार की सारी क्षमताओं के अतिरिक्त निजी निवेश को सुनिश्चित करना, पीपीपी मॉडल को बढ़ावा देना, प्राइवेट इन्वेस्टमेंट को बढ़ावा देना शामिल है।
आवास योजना के लिए 8369 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
कृषि उन्नति योजना के लिए 10 हजार करोड़ का प्रावधान किया गया है।
4, 500 करोड़ रुपए का प्रावधान नल जल योजना के लिए किया गया है।
दीनदयाल उपाध्याय भूमि कृषि मजदूर योजना प्रारंभ करने के लिए 500 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है।
स्टेट कैपिटल योजना के लिए 5 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है।
शक्तिपीठ परियोजना के लिए 5 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है।
35 करोड़ का प्रावधान श्री रामलला दर्शन योजना के लिए किया गया है।
सिंचाई परियोजनाओं के लिए 300 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। वहीं केलो प्रोजेक्ट के तहत रायगढ़ में सिंचाई परियोजनाओं को गति देने के लिए 100 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। सिंचाई बांधों के लिए 72 करोड़ रुपये का प्रावधान है। सिंचाई रकबे के विस्तार के लिए 3000 करोड़ रुपए राशि का प्रावधान किया है।
प्रदेश में 156 कार्यों के लिए 10 करोड़ रुपये से अधिक का प्रावधान किया गया है।
राज्य जल केंद्र की स्थापना के लिए 1 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
स्व सहायता समूह के माध्यम से महिलाओं को रोजगार देने के लिए 561 करोड रुपए का प्रावधान किया गया है।
पंचायत एवं ग्रामीण विकास के अंतर्गत 17 हजार 539 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के लिए 2887 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
प्रदेश की सड़कों के लिए 841 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
कचरा प्रबंधन की योजनाओं के लिए 400 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
दिल्ली में UPSC की तैयारी के लिए यूथ हॉस्टल में 65 बच्चों के सीटों को बढ़ाकर 200 बच्चों को तैयारी कराने का प्रावधान किया गया है।
फोर्टिफाइड चावल के लिए 209 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने के लिए 5000 करोड़ रुपये से अधिक का प्रावधान किया गया है।
महतारी वंदन योजना के अंतर्गत पात्र महिलाओं के लिए 117 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
ग्राम पंचायत स्तरीय महिला सदन बनाने के लिए 50 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
कला साहित्य खेल के क्षेत्र में युवाओं के योगदान को प्रोत्साहित और उन्हें सम्मान देने के लिए 1 करोड़ 50 लाख रुपये का प्रावधान किया गया है।
अमृत मिशन योजना के लिए 796 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
नागरिक क्षेत्र के स्लम बस्तियों में स्वास्थ्य सुविधा के लिए 300 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
मुख्यमंत्री जन पर्यटन योजना प्रारंभ की जाएगी, जिसके लिए 5 करोड़ रुपए का प्रावधान है।
तेंदूपत्ता संग्राहक परिवारों को चरण पादुका देने के लिए 35 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
रायपुर, बिलासपुर स्मार्ट सिटी के लिए 402 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
प्रदेश के पांच शक्तिपीठों के विकास के लिए योजना के लिए 5 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
गोंडी भाषा के विकास के लिए 2 करोड़ 50 लाख रुपये का प्रावधान किया गया है।
संवर्धन से जुड़े कार्यों के क्रियान्वयन के लिए कैम्पा में 1 हजार करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
हाथी मानव द्वंद से बचाव के लिए रैपिड रिस्पांस टीम के गठन के लिए 20 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
प्रदेश में अधो संरचना विकास को प्रोत्साहित करने के लिए 8 317 करोड रुपये का प्रावधान किया गया है
प्रदेश के सभी एयरपोर्ट पर सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए 30 करोड रुपये का प्रावधान किया गया है
कटघोरा से डोंगरगढ़ रेल लाइन निर्माण को तीव्र गति से करने के लिए 300 करोड़ का प्रावधान किया गया है
राजधानी में साइंस सिटी के लिए 34 करोड़ प्रावधान किया गया है।
स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए 1500 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
सिम्स के नवनिर्माण के लिए 700 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
मेकाहारा रायपुर के लिए 773 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
यूनिटी माल की स्थापना के लिए 200 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
कृषि पम्पों को लाभ दिलाने की योजना के लिए 6 लाख 96 हजार रुपये का प्रावधान किया गया है।
बिजली बिल हाफ योजना के लिए 1 हजार 274 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
एकल बत्ती के लिए 540 करोड़ का प्रावधान का किया गया है।