Chhattisgarh Naxal Attack: छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में बुधवार को नक्सलियों ने आईईडी विस्फोट कर जिला रिजर्व गार्ड्स की गाड़ी को उड़ा दिया। इसमें 10 जवानों समेत 11 शहीद हुए। 11वां शख्स सिविलियन ड्राइवर था। 2021 के बाद यह दूसरा सबसे बड़ा नक्सली हमला है।
तब भी अप्रैल का ही महीना था। तारीख 4 अप्रैल थी। बीजापुर और सुकमा जिले के बॉर्डर पर स्थित तर्रेम क्षेत्र के टेकलगुड़ा में घात लगाकर नक्सलियों ने बैरल ग्रेनेड लॉन्चर से हमला किया। जिसमें 22 जवान शहीद हो गए थे। 35 से ज्यादा लोग घायल हुए थे। नक्सलियों ने सीआरपीएफ कोबरा बटालियन के जवान राकेश्वर सिंह मन्हास का अपहरण कर लिया था। हालांकि बाद में उन्हें रिहा कर दिया था।
13 साल में 10 बड़े हमले और 227 की गई जान
2010 से 26 अप्रैल 2023 तक छत्तीसगढ़ में नक्सलियों ने 10 बड़े हमले किए। जिनमें 227 जवानों और आम लोगों की जान गई। एक वारदात को छोड़कर अन्य सभी हमले मार्च-अप्रैल में हुए। ऐसे में सवाल उठता है कि नक्सली बड़े हमला करने के लिए मार्च-अप्रैल महीने को ही क्यों चुनते हैं?
इसका जवाब है टीसीओसी। मतलब टैक्टिकल काउंटर ऑफेंसिव कैम्पेन। फरवरी से जून महीने को माओवादी शब्दकोश में टीसीओसी कहा जाता है। जानकारी के अनुसार, बस्तर में टीसीओसी चल रही है। कैंपेन के लिए कई बड़े नक्सली नेताओं का जमावड़ा शुरू हो चुका है। नक्सली ग्रामीणों को अपना सुरक्षा कवच बनाकर चलते हैं। इस दौरान अपने ग्रुप में नए लड़ाका शामिल किए जाते हैं और नक्सली अक्सर बड़े हमले करते हैं।
बीते वर्षों में हुए बड़े नक्सली हमले
26 अप्रैल 2023: दंतेवाड़ा के अरनपुर में नक्सली हमला, 10 जवान और एक चालक की जान गई।
04 अप्रैल 2021: बीजापुर और सुकमा जिले के बॉर्डर पर तर्रेम क्षेत्र में नक्सली हमला हुआ, जिसमें 22 जवान शहीद हुए थे।
23 मार्च 2021: नारायण जिले में जवानों से भरी बस पर नक्सलियों ने हमला किया। इस दौरान पांच जवान शहीद हुए।
21 मार्च 2020: सुकमा जिले के मिनपा में नक्सलियों ने हमला किया। इस दौरान 17 जवान शहीद हुए।
24 अप्रैल 2017: सुकमा जिले में नक्सलियों ने सीआरपीएफ जवानों पर हमला किया। इस दौरान 25 जवान शहीद हुए।
11 मार्च 2017: सुकमा जिले के दुर्गम भेज्जी इलाके में नक्सली हमला हुआ। इस दौरान सीआरपीएफ के 12 जवान शहीद हुए।
12 अप्रैल 2014: बस्तर जिले के दरभा में नक्सलियों ने हमला किया। इस दौरान 5 जवानों समेत 14 लोगों की मौत हुई।
11 मार्च 2014: सुकमा जिले के टाहकवाडा में नक्सली हमले में 15 जवान शहीद हुए।
25 मई 2013: 10 साल पहले झीरम घाटी में नक्सली हमला हुआ। इस दौरान कांग्रेस के कई नेताओं समेत 30 लोग मारे गए।
06 अप्रैल 2010: दंतेवाड़ा में नक्सलियों ने बड़े हमले को अंजाम दिया। इस दौरान 76 जवान शहीद हुए।
#WATCH | Chhattisgarh CM says, "Dantewada incident is heart-rending. My condolences to their families. Their sacrifice won't go to waste. Pressure is being created on naxals, so they did this cowardice. (cart-away.com) Naxalism will be uprooted. I spoke with HM Amit Shah & Mallikarjun Kharge" pic.twitter.com/EHdk0KSY8Z
— ANI (@ANI) April 26, 2023
भूपेश बघेल बोले- ये लड़ाई अब अंतिम दौर में
दंतेवाड़ा हमले के बाद छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से बात की है। बघेल ने कहा कि नक्सलियों पर दबाव बनाया जा रहा है, इसलिए उन्होंने यह कायरता की। नक्सलवाद को उखाड़ फेंका जाएगा। नक्सलियों के खिलाफ यह लड़ाई अपने अंतिम चरण में है।
गृह मंत्री बोले- नक्सलियों के छिपे होने की मिली थी सूचना
छत्तीसगढ़ के गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू ने कहा कि नक्सलियों की मौजूदगी की सूचना मिली थी। डीआरजी जवानों को मौके पर भेजा गया। तलाशी के बाद जब वे वापस लौट रहे थे तो एक आईईडी हमला हुआ, जिसमें डीआरजी के 10 जवान और एक चालक की जान चली गई। मौके पर अतिरिक्त फोर्स भेजी गई है।
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