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छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़ के ये आदिवासी कोदो खाकर बिता रहे जीवन, न पानी… न नौकरी, जानकर हो जाएंगे हैरान!

बालाघाट जिले के संदुका गांव में 40 आदिवासी परिवारों का जीवन खतरे से खाली नहीं है। यहां पर पानी और रोजगार का बड़ा अभाव है। कैसे बिता रहे हैं आदिवासी अपना जीवन, जानिए।

Author Edited By : Deepti Sharma Updated: Mar 25, 2025 15:10
Balaghat Adivasi News
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छत्तीसगढ़ राज्य के बालाघाट जिले के संदुका गांव के 40 बैगा आदिवासी परिवारों का जीवन खतरे में पड़ गया है। आदिवासी परिवार के लोग कोदो खाकर जीवनयापन कर रहे हैं। पानी और रोजगार की कमी से खेती करना यहां पर मुमकिन नहीं हो पाता। साथ में सरकारी योजनाएं संदुका गांव तक नहीं पहुंच पाती हैं। बता दें कि बालाघाट जिले के एक छोटे से संदुका गांव में आदिवासी परिवारों का जीवन खतरे से खाली नहीं है। यहां पर पानी तथा रोजगार का बड़ा अभाव है। इसलिए यहां पर खेती करना भी बड़ा मुश्किल है। संदुका गांव के 40 बैगा आदिवासी परिवार कोदो खाकर जीवनयापन कर रहे हैं। यहां पर खेती न होने से अनाज का न होना बड़ा मुश्किल है। यहां तक कि सरकार से मिलने वाला पांच किलो अनाज भी उनके लिए पर्याप्त नहीं हो पाता है।

अंतिम छोर पर स्थित है संदुका गांव

बालाघाट जिले से लगभग 120 किलोमीटर दूर स्थित संदुका नाम का गांव है। यहां पर आदिवासी परिवार के लोग रहते हैं। यह गांव बालाघाट के अंतिम छोर पर मौजूद है। संदुका गांव में पानी का अभाव होने के कारण खेती करना मुमकिन नहीं है। स्थानीय लोगों ने बताया कि वहां पानी की कोई सुविधा नहीं है। ऐसे में न तो धान की खेती की जा सकती है और न ही गेहूं की खेती हो सकती है।

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कोदो का आटा एकमात्र सहारा

बता दें, आदिवासी परिवार के लोग मुश्किल से अपना गुजारा कर रहे हैं। ये लोग अपने-अपने घर पर ही कोदो का आटा खुद तैयार करते हैं और यही खाकर अपना पेट भरते हैं। आजादी के इतने साल बीतने के बाद भी उनका जीवन वैसा का वैसा बना हुआ है। उनके पास किसी भी प्रकार की व्यवस्था उपलब्ध नहीं है। ऐसे में उनका जीवन किसी वनवास से कम नहीं है।

नहीं पहुंच पातीं हैं सरकारी योजनाएं 

रोजगार न होने के कारण आदिवासी परिवार के पालन-पोषण में काफी समस्या आती हैं। न तो बिजली मिलती है और अगर मिलती है तो बिल भी बहुत भरना पड़ता है। यहां तक कि पेयजल योजना बिल्कुल व्यर्थ है। जो पाइप नल इस गांव तक पहुंचाए गए थे, वह भी निकाल दिए गए हैं।

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Edited By

Deepti Sharma

First published on: Mar 25, 2025 02:31 PM

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