दिनेश कुमार द्विवेदी, मनेन्द्रगढ़
आपने कई बार सुना होगा कि सफलता की कोई उम्र और सीमा नहीं होती है। इस कहावत को छत्तीसगढ़ की 67 साल की कमला देवी मंगतानी ने सच कर दिखाया है। जिस उम्र में ज्यादातर लोग दूसरों के सहारे होते हैं, उस उम्र में कमला देवी मंगतानी ने खेल जगत में छत्तीसगढ़ का नाम रोशन किया है। कमला देवी मंगतानी ने हाल ही में दुबई में आयोजित 11वें अंतरराष्ट्रीय खेल समारोह में वेटलिफ्टिंग में 4 मेडल जीते हैं।
3 गोल्ड और एक सिल्वर मेडल जीता
बता दें कि संयुक्त भारतीय खेल फाउंडेशन द्वारा दुबई में 22 से 28 अप्रैल 2025 को 11वें अंतरराष्ट्रीय खेल समारोह का आयोजन किया गया। इस समारोह में छत्तीसगढ़ की कमला देवी ने भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए तीन गोल्ड मेडल और एक सिल्वर मेडल अपने नाम किए। उनकी इस ऐतिहासिक उपलब्धि से न केवल भारत बल्कि छत्तीसगढ़ का नाम भी रोशन हुआ है।
मनेन्द्रगढ़ की 67 वर्षीय कमला देवी मंगतानी ने दुबई में आयोजित वेटलिफ्टिंग प्रतियोगिता में गोल्ड मेडल जीत कर भारत का डंका बजाया है। अब तक वे 100 से अधिक गोल्ड मेडल जीत चुकी हैं। pic.twitter.com/ojtmQ7NfAF
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30 साल से हैं डायबिटीज से पीड़ित
कमला देवी बताती हैं कि वह पिछले 30 साल से डायबिटीज जैसी जटिल बीमारी से जूझ रही हैं। एक समय था जब डॉक्टरों ने इलाज से जवाब दे दिया था। उनकी हालत इतनी खराब हो गई थी कि वह चलने-फिरने में असमर्थ थीं, उन्हें बैसाखी के सहारे चलना पड़ रहा था। लेकिन जहां एक ओर उनका शरीर जवाब दे रहा था, वहीं दूसरी ओर उनका मनोबल और आत्मविश्वास नई उड़ान भरने को तैयार था। उन्होंने न केवल बैसाखी को छोड़ी, बल्कि अपने पैरों पर खड़े होकर चलना शुरू किया।
कुछ ही सालों में जाने लगीं जिम
कुछ ही सालों में कमला देवी ने खुद को इतना सशक्त बना लिया कि वह जिम में जाने लगीं। पिछले 5 सालों से वह लगातार जिम में नियमित रूप से अभ्यास कर रही हैं। जहां उनकी उम्र के लोग रिटायरमेंट के बाद आराम की जिंदगी जीते हैं, वहीं कमला देवी सुबह-सवेरे उठकर जिम में पसीना बहाने जाती हैं। जिम में उन्होंने खुद को न केवल फिट किया, बल्कि वेटलिफ्टिंग जैसी कठिन कसरत में भी महारत हासिल की।
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जीते 100 से अधिक गोल्ड मेडल
उनकी मेहनत और जज्बे का परिणाम यह रहा कि उन्होंने अलग-अलग लेवल पर आयोजित वेटलिफ्टिंग प्रतियोगिताओं में भाग लेना शुरू किया। राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं से शुरू होकर वह धीरे-धीरे अंतरराष्ट्रीय मंच पर पहुंच गईं। अब तक उन्होंने 100 से अधिक गोल्ड मेडल जीत चुकी हैं। इन पुरस्कारों में राष्ट्रीय, अंतरराष्ट्रीय और राज्य स्तरीय प्रतियोगिताएं शामिल हैं।