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छत्तीसगढ़

लापरवाही बरत रहीं थीं प्रिंसिपल और 6 टीचर, हो गईं सस्पेंड

Chhattisgarh News: राज्य के दुर्ग में 6 टीचर और प्रिंसिपल को सस्पेंड कर दिया गया है। यह फैसला तब लिया गया जब संभाग कमिश्नर शहर के सर्राफा व्यापारी की शिकायत पर वहां पहुंचे। दरअसल, स्कूल में कम बच्चे होने की वजह से वह स्कूल नहीं आ रही थीं।

Author Edited By : Swati Pandey Updated: Feb 17, 2024 14:04
chhattisgarh teachers and principal suspended
chhattisgarh teachers and principal suspended

Chhattisgarh News: दुर्ग के संभाग आयुक्त सत्यनारायण राठौर ने बड़ी कार्रवाई की है। दरअसल, उन्होंने महात्मा गांधी शासकीय पूर्व माध्यमिक विद्यालय की प्रिंसिपल और 6 टीचरों को सस्पेंड कर दिया है।

औकिचक निरीक्षण के दौरान नदारद मिले प्रिंसिपल और शिक्षकों को सस्पेंड किया गया है। प्रधान पाठिका शायना परवीन और 6 महिला शिक्षकों पर ये कार्रवाई की गई है। आपको बता दें कि संभाग कमिश्नर वहां शहर के सर्राफा व्यापारी महावीर जैन की शिकायत पर निरीक्षण करने पहुंचे थे। उन्होंने दुर्ग के जिला शिक्षा अधिकारी अभय जायसवाल और ब्लॉक एजुकेशन ऑफीसर गोविंद साव को शो कॉस नोटिस थमाया। जैन ने लिखित शिकायत की थी कि महात्मा गांधी शासकीय पूर्व माध्यमिक विद्यालय में वहां की प्रिंसिपल और शिक्षक बड़ी लापरवाही बरत रहे हैं। स्कूल में जितने छात्र हैं उनके अनुपात में शिक्षक काफी ज्यादा हैं जिसका फायदा उठाकर प्रिंसिपल शायना परवीन खान और कई टीचर्स काफी दिनों तक स्कूल नहीं आते। इस सब के बाद कमिश्नर दुर्ग ने डिप्टी कमिश्नर दुर्ग संभाग और संयुक्त संचालक शिक्षा संभाग दुर्ग को मिलाकर एक ज्वाइंट टीम बनाई और दोनों की टीम ने 13 फरवरी 2024 को महात्मा गांधी शासकीय पूर्व माध्यमिक स्कूल का औचक निरीक्षण किया।

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शिक्षा पर जोर दे रही छत्तीसगढ़ सरकार

कुछ दिन पहले छत्तीसगढ़ विधानसभा में शिक्षा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने स्कूलों से जुड़ी बड़ी घोषणा की थी। उन्होंने कहा था कि 5 साल में राज्य के 25 हजार स्कूलों को इंग्लिश मध्यम बनाया जाएगा और 1 साल में 33 हजार शिक्षक पदों पर भर्तियां करेंगे। आपको बता दें कि भर्ती परीक्षा के रिजल्ट को लेकर परीक्षार्थी खुश नहीं थे और कैंडल मार्च निकालकर विरोध प्रदर्शित किया था।

आत्मानंद स्कूल को बनाया गया भ्रष्टाचार का गढ़

उन्होंने कहा था कि आत्मानंद स्कूलों को पैसा खाने के लिए बनाया गया था। शिक्षकों के भविष्य के साथ भी खेला गया। 15 साल के बीजेपी के कार्यकाल में स्कूलों कि संख्या 15 हज़ार से 30 हज़ार हो गई है।

First published on: Feb 17, 2024 02:04 PM

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