Bhubaneswar News: केंद्रीय जांच ब्यूरो की आठ सदस्यीय टीम ने मंगलवार को भुवनेश्वर में सीनियर आईएएस अधिकारी बिष्णुपद सेठी के घर पर छापा मारा। यह छापेमारी एक हाई प्रोफाइल घूस मामले के तहत की गई है, जिसमें ‘ब्रिज एंड रूफ कंपनी लिमिटेड’ के अधिकारी शामिल हैं, जो कि केंद्रीय सरकार के भारी उद्योग मंत्रालय के तहत एक सार्वजनिक क्षेत्र (PSU) की कंपनी है। मीडिया से बात करते हुए बिष्णुपद सेठी ने इस मामले में खुद को बेगुनाह बताया है और आरोप लगाया है कि सीबीआई के अधिकारी उनके और उनके परिवार के साथ उत्पीड़न कर रहे हैं।
सेठी ने कहा कि मैं यह स्पष्ट करना चाहता हूं कि ब्रिज एंड रूफ कंपनी को कुछ वर्क ऑर्डर राज्य सरकार की मंजूरी के बाद दिए गए थे। इस परियोजना से संबंधित फाइल मेरे पास कुछ घंटों के लिए आई थी। सेठी ने यह भी बताया कि वह चंचल मुखर्जी (ब्रिज एंड रूफ कंपनी के समूह के ग्रुप जनरल मैनेजर और इस मामले में आरोपी) से चार साल बाद मिले थे। उन्होंने कहा कि इस बैठक में पीएसयू की एक टीम भी मौजूद थी और हमने चंचल मुखर्जी को कोई लाभ नहीं दिया। उन्होंने सीबीआई टीम पर उनके घर में बिना महिला अधिकारियों के घुसने का आरोप भी लगाया।
बिष्णुपद सेठी का दावा
बिष्णुपद सेठी ने यह दावा भी किया कि आरोपी चंचल मुखर्जी को दो ठेकेदारों से घूस लेने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था, जो एक अन्य पीएसयू से जुड़े थे। उन्होंने यह स्पष्ट किया कि वह इस मामले में शामिल नहीं हैं और उनके खिलाफ कोई मामला दर्ज नहीं किया गया है। इसी बीच, एक लेटर में बिष्णुपद सेठी ने अपने इस्तीफे की पेशकश की है, जिसे उन्होंने जांच के विरोध में लिखा है।
हाल ही में बिष्णुपद सेठी को जनरल एडमिनिस्ट्रेशन और पब्लिक ग्रीवांस डिपार्टमेंट में विशेष कार्य अधिकारी (OSD) के रूप में नियुक्त किया गया था। उनका नाम इस घूस मामले में सामने आया था, जब सीबीआई ने उन्हें पूछताछ के लिए समन भेजा था। सीबीआई ने पहले ही चंचल मुखर्जी, एक निजी कंपनी के निदेशक संतोष मोहराना और बिचौलिए देवदत्त मोहापात्रा को भुवनेश्वर के जयेव विहार के एक 5 स्टार होटल के पास गिरफ्तार किया था।
घूस लेते पकड़ा था रंगे हाथ
सीबीआई ने मौके से 10 लाख रुपये की घूस की नगदी भी बरामद की थी। एक अन्य आधिकारिक लेटर में यह भी खुलासा हुआ कि आरोपी मुखर्जी और पीएसयू के एक अन्य सीनियर अधिकारी बी.के. सिंह ने 5 दिसंबर को सेठी से उनके कार्यालय में मुलाकात की थी, दो दिन बाद 7 दिसंबर को सीबीआई ने मुखर्जी को घूस लेते हुए रंगे हाथ पकड़ा गया था।
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