Rajasthan Cabinet expansion: राजस्थान में सरकार बनने के बाद अभी तक मंत्रिमंडल विस्तार नहीं हुआ है, जिसे लेकर सियासी गलियारों में हलचल मची हुई है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर पिछले कई दिनों से अटकलें लगाई जा रही हैं। मंत्रिमंडल में शामिल होने वाले संभावित नामों पर भी चर्चा चल रही है। प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष सीपी जोशी ने बहुत जल्द इसके बारे में सूचना आने की बात कही है। इसके बाद कहा जा रह है कि जल्द ही मंत्रिमंडल का विस्तार होगा।
वहीं मंत्रिमंडल विस्तार में देरी के अलग-अलग सियासी मायने निकाले जा रहे हैं। कहा यह भी जा रहा है कि मंत्रियों का नाम केंद्रीय नेतृत्व तय करेगा और यह दिल्ली में होगा इस वजह से देरी हो रही है। मंत्रियों की लिस्ट दिल्ली में रुकी हुई है और वहां से इसे हरी झंडी मिलने का इंतजार है। माना जा रहा है कि मध्य प्रदेश की तरह राजस्थान में भी नए विधायकों को मंत्रिमंडल में जगह देने पर चर्चा हो रही है।
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गुटबाजी भी वजह
कैबिनेट विस्तार में जातीय और क्षेत्रीय संतुलन साधना भी एक बड़ी चुनौती है। 4 महीने बाद ही लोकसभा के चुनाव होने हैं ऐसे में इसका खास ख्याल रखा जाना है, ताकि पार्टी को राज्य से ज्यादा से ज्यादा सीटें मिलने में कोई दिक्कत न आए। लोकसभा चुनाव पर कैबिनेट विस्तार का असर पड़ेगा। राजनीतिक जानकारों के मुताबिक कैबिनेट विस्तार में देरी की एक वजह नाम फाइनल नहीं हो पाना और गुटबाजी भी है।
बीजेपी को क्या है डर
वहीं बताया जा रहा है कि बीजेपी को इस बात का डर है कि नए विधायकों को मौका देने से कहीं पार्टी के वरिष्ठ नेता नाराज न हो जाएं। दोनों उप मुख्यमंत्री दीया कुमारी और प्रेमचंद बैरवा को अभी तक विभाग भी आवंटित नहीं किए गए हैं। कैबिनेट विस्तार में देरी को लेकर कांग्रेस बीजेपी पर निशाना साध रही है।
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