Rahul Gandhi Yatra: बिहार चुनाव से पहले कांग्रेस नेता राहुल गांधी 17 अगस्त से वोटर अधिकार यात्रा शुरू करने जा रहे हैं। यात्रा सासाराम जिले से शुरू होकर राजधानी पटना में खत्म होगी। अब सवाल उठता है कि यात्रा शुरू करने के लिए राहुल ने सासाराम ही क्यों चुना? क्या राहुल इसके जरिए एनडीए को घेरना चाहते हैं या कांग्रेस की मजबूती के लिए काम करना चाहते हैं।
बता दें कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी की यह यात्रा वोट चोरी और स्पेशल इंटेसिव रिवीजन (SIR) के विरोध में है। इसके जरिए राहुल गांधी बिहार चुनाव से पहले जनता के बीच अपनी पैठ मजबूत करना चाहते हैं।
सासाराम ही क्यों चुना?
दरअसल, सासाराम को किसी जातिवाद समीकरण की वजह से नहीं चुना गया है। सासाराम सीट 20 सालों से कांग्रेस की गढ़ है। पिछले लोकसभा चुनाव में भी सासाराम सीट से कांग्रेस जीती थी, लेकिन अंतर ज्यादा नहीं था। कांग्रेस के मनोज कुमार को 5.13 वोट मिले थे, वहीं बीजेपी के शिवेश कुमार को 4.9 लाख वोट मिले थे। अपने गढ़ को डूबने से बचाने के लिए राहुल गांधी ने सासाराम से यात्रा करने की योजना बनाई। ताकि बीजेपी कांग्रेस के किले को ध्वस्त न कर पाए।
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20 साल से सासाराम सीट पर है कांग्रेस कब्जा
सासाराम लोकसभा सीट पर लगातार पिछले 20 सालों से कांग्रेस का कब्जा है। 2004 और 2009 में में कांग्रेस से मीरा कुमार यहां से सांसद चुनीं गईं। मीरा कुमार लोकसभा में अध्यक्ष भी रहीं। इसके बाद 2014 और 2019 में छेदी पासवान कांग्रेस के टिकट से सांसद बने। 2024 में कांग्रेस ने मनोज कुमार को टिकट देकर जिताया। अब कांग्रेस अपने इस किले को बरकार रखना चाहती है।
3 सीटों पर मिली थी जीत
बिहार में 40 लोकसभा सीटें हैं। पिछले लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने 9 सीटों पर चुनाव लड़ा था। इसमें से केवल 3 सीटों पर कांग्रेस को जीत मिली थी। सासाराम से मनोज कुमार, किशनगंज से मो. जावेद और कटिहार से तारिक अनवर को जीत मिली थी।
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