Bihar Elections 2025: बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले बहुत कुछ हो रहा है। बाहर से दूध की तरह सफेद पोश नजर आ रहे दोनों गठबंधनों में कितनी गांठें हैं। यह किसी से पूछने की जरूरत नहीं है। जहां एक ओर कांग्रेस तेजस्वी यादव को सहज नहीं होने दे रही तो वहीं दूसरी ओर चिराग पासवान एनडीए में लगातार बयानबाजी से माहौल गरम किए हुए हैं। एनडीए से ज्यादा समस्या इंडिया गठबंधन में है। इंडिया गठबंधन में सीएम फेस को लेकर अभी से तनातनी शुरू हो गई है। तेजस्वी यादव के ऐलान के 24 घंटे बाद ही कांग्रेस ने तेजस्वी के सीएम फेस वाले बयान पर कन्नी काट ली। कांग्रेस अध्यक्ष राजेश कुमार ने कहा कि इंडिया गठबंधन का लक्ष्य बीजेपी और एनडीए को हराना है। अब सवाल यह है कि कांग्रेस तेजस्वी यादव को सीएम फेस क्यों घोषित नहीं कर रही? वह भी तब जब तेजस्वी यादव ने यह कहते हुए ऐलान किया कि गठबंधन की मीटिंग में सीएम फेस को लेकर सहमति बन गई है।
तेजस्वी के ऐलान पर कांग्रेस ने काटी कन्नी
बिहार की राजनीति को अभी कई रंग चढ़ेंगे। चुनाव से पहले चौसर बिछाने के लिए हर कोई बैचेन है। तेजस्वी यादव ने मंगलवार को कहा कि वे राज्य में इसी साल होने वाले विधानसभा चुनाव में इंडिया गठबंधन की ओर से सीएम फेस होंगे। उनके ऐलान के बाद एक दिन बाद ही बिहार कांग्रेस के अध्यक्ष राजेश कुमार ने कहा कि इंडिया गठबंधन का सीएम फेस अभी तय नहीं है। हमारी प्राथमिकता बीजेपी और एनडीए को हराना है। इसके लिए हम रणनीति बना रहे हैं। कुल मिलाकर राजेश यादव सीएम फेस पर तेजस्वी की ताजपोशी को लेकर फिलहाल खुश नहीं है। ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि तेजस्वी यादव सीएम फेस को लेकर इतनी जल्दबाजी में क्यों हैं?
तेजस्वी इतनी जल्दबाजी क्यों दिखा रहे हैं?
तेजस्वी यादव ने कहा कि महागठबंधन की बैठक में सीएम फेस को लेकर फैसला हो गया है। मैं ही सीएम का फेस हूं। इंडिया गठबंधन में इसको लेकर आपसी सहमति बन गई है। ऐसे में तेजस्वी इतनी जल्दबाजी क्यों दिखा रहे हैं? दरअसल चुनाव नतीजों में अगर आरजेडी की अगुवाई वाले इंडिया गठबंधन को बहुमत मिलता है तो सीएम की ताजपोशी को लेकर ज्यादा ऊहांपोह की स्थ्तिि ना हो। ऐसे में अगर इसका ऐलान समय रहते हो जाता है तो उसे चुनाव में ज्यादा सीटें मिल सके। इसलिए भी हो सकता है कि तेजस्वी यादव ज्यादा जल्दबाजी में है।
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लालू-तेजस्वी यह कभी नहीं चाहेंगे
चुनाव नतीजों के बाद अगर सीएम का फेस तय होता है तो कांग्रेस मोल-भाव की स्थिति में आ जाएगी। जोकि लालू यादव और तेजस्वी कभी नहीं चाहेंगे। आरजेडी चाहती है कि बिहार में कांग्रेस छोटे भाई की भूमिका में रहे। जबकि वह स्वयं बडे़ भाई की भूमिका में। जोकि अब नई नवेली कांग्रेस को यह खटक रहा है। दिल्ली चुनाव के बाद कांग्रेस खुद को पूरी तरह से बदलने में जुटी है। इसी क्रम में वह बिहार चुनाव में उतरी है। ऐसे में तेजस्वी का खुद को सीएम फेस बताना कांग्रेस को नागवार गुजर रहा है।
बड़े भाई की भूमिका चाहती है कांग्रेस
दूसरी ओर कांग्रेस को लगता है कि तेजस्वी को सीएम फेस घोषित करने का असर उसकी राष्ट्रीय राजनीति पर होगा। पार्टी की कोशिश हिंदी पट्टी वाले क्षेत्र में खोया हुआ जनाधार पुनः पाने की है। जोकि उसके लिए बड़ी चुनौती है। राष्ट्रीय पार्टी का किसी राज्य में क्षेत्रीय पार्टी के अंडर में रहना भी अब कांग्रेस को नागवार गुजर रहा है। यह ठीक वैसा ही जैसे बीजेपी कई राज्यों में अब बड़े भाई की भूमिका में आ चुकी है। कुल मिलाकर समझौता होगा लेकिन क्षेत्रीय पार्टी की शर्तों पर नहीं बल्कि अपनी शर्तों पर। विश्लेषकों की मानें तो कांग्रेस की यही कोशिश है।
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