भारत-नेपाल सीमा क्षेत्र के रक्सौल शहर में पुलिस और SSB की टीम ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए 400 युवकों को बंधन मुक्त कराया है। बताया जा रहा है कि अलग-अलग स्थानों पर इन युवकों को बंधक बनाकर जबरन काम करवाया जा रहा था। सूचना मिलने के बाद पुलिस और SSB की टीम ने संयुक्त अभियान चलाकर इन्हें मुक्त करवाया।
बंधक बनाकर करवा रहे थे फर्जीवाड़ा
रिपोर्ट्स के अनुसार, नेटवर्किंग कंपनी से जुड़े लोग इन युवकों को बंधक बनाकर रखते थे और इनसे फर्जीवाड़ा करवाते थे। कई युवकों के परिजनों ने जब इसकी शिकायत पुलिस से की, तो पुलिस ने एक योजनाबद्ध तरीके से एसएसबी के साथ मिलकर कार्रवाई की।
DBR ग्रुप कंपनी पर गंभीर आरोप
रक्सौल के अलग-अलग इलाकों से टीम ने 400 युवकों को मुक्त कराया। इन सभी को DBR ग्रुप कंपनी द्वारा बंधक बनाकर ब्रेनवॉश किया जा रहा था। कंपनी ने फर्जी नेटवर्क का जाल बिछाकर युवकों से जबरन फर्जीवाड़ा करवाया। मुक्त कराए गए युवकों में कई नाबालिग भी शामिल हैं।
इससे पहले भी DBR ग्रुप पर लगे हैं आरोप
मोतिहारी एसपी स्वर्ण प्रभात ने बताया कि यह नेटवर्किंग कंपनी पहले गोपालगंज में सक्रिय थी। वहां पुलिस की कार्रवाई के बाद उन्होंने रक्सौल को अपना अड्डा बना लिया और अपना जाल फैलाया। अब एसआईटी का गठन कर आगे की जांच की जाएगी।हालांकि, यह पहली बार नहीं है जब DBR ग्रुप कंपनी पर इस तरह के आरोप लगे हों। इससे पहले भी कई महिलाओं ने कंपनी पर शोषण, अभद्रता और मानसिक उत्पीड़न के आरोप लगाए हैं।
युवकों को छुड़ाए जाने के बाद पुलिस ने बताया कि हमें सूचना मिल रही थी कि बिहार के कई जिलों, नेपाल और उत्तर प्रदेश के युवकों को नौकरी देने की बात कहकर बुलाया जा रहा था और उन्हें बंधक बनाकर रखा गया था। उनसे पैसे में वसूले जा रहे थे। पुलिस इस मामले को लेकर कार्रवाई कर रही है।