बिहार में पहले महिला एशिया कप और अब हीरो एशिया कप पुरुष हॉकी टूर्नामेंट की सफल मेजबानी ने न केवल भारत को विजेता बनाया बल्कि बिहार को भी अंतरराष्ट्रीय खेल मानचित्र पर नई पहचान दिलाई। विदेशी खिलाड़ियों से लेकर भारतीय दर्शकों तक, सभी ने बिहार की अनुशासित मेजबानी की सराहना की। इंटरनेशनल हॉकी फेडरेशन (FIH) के अध्यक्ष तैयब एकराम ने राजगीर में आयोजित फाइनल मैच के बाद कहा कि हॉकी ने बिहार में बहार लाई है।
राज्य ने लगातार दो बार शानदार आयोजन किया है और भविष्य में भी यह सिलसिला जारी रहेगा। उन्होंने यह भी घोषणा की कि राजगीर खेल अकादमी को जल्द ही एशियाई हॉकी फेडरेशन से मान्यता मिलेगी और एफआईएच इसके विकास में पूरा सहयोग करेगा।
राजगीर खेल अकादमी एक बार फिर चर्चा में है। पहले महिला एशिया कप और अब हीरो एशिया कप पुरुष हॉकी टूर्नामेंट की सफल मेजबानी ने न केवल भारत को विजेता बनाया बल्कि बिहार को भी अंतरराष्ट्रीय खेल मानचित्र पर नई पहचान दिलाई। विदेशी खिलाड़ियों से लेकर भारतीय दर्शकों तक, सभी ने बिहार की अनुशासित मेजबानी की सराहना की।
इंटरनेशनल हॉकी फेडरेशन (FIH) के अध्यक्ष तैयब एकराम ने राजगीर में आयोजित फाइनल मैच के बाद कहा कि हॉकी ने बिहार में बहार लाई है। राज्य ने लगातार दो बार शानदार आयोजन किया है और भविष्य में भी यह सिलसिला जारी रहेगा। उन्होंने यह भी घोषणा की कि राजगीर खेल अकादमी को जल्द ही एशियाई हॉकी फेडरेशन से मान्यता मिलेगी और एफआईएच इसके विकास में पूरा सहयोग करेगा।
बिहार सरकार की तैयारी
बिहार राज्य खेल प्राधिकरण के महानिदेशक रवींद्रन शंकरण ने बताया कि राज्य सरकार विभिन्न खेलों के लिए कोच नियुक्त करने जा रही है। उन्होंने कहा कि मजबूत कोचिंग व्यवस्था के बिना खिलाड़ियों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाना संभव नहीं है। आने वाले वर्षों में बिहार से कई खिलाड़ी देश का प्रतिनिधित्व करेंगे।
खिलाड़ियों और कोच की उम्मीदें
टूर्नामेंट में शामिल खिलाड़ियों और कोच के मुताबिक, राजगीर खेल अकादमी को अंतरराष्ट्रीय मान्यता मिलना बिहार के लिए मील का पत्थर साबित होगा। इससे प्रशिक्षण सुविधाएं बेहतर होंगी और खिलाड़ियों को राज्य से बाहर जाने की जरूरत कम होगी। भारतीय टीम के कप्तान और खिलाड़ियों ने भी राजगीर के दर्शकों की तारीफ की। उनके मुताबिक, पूरे टूर्नामेंट के दौरान दर्शकों ने भरपूर उत्साह और समर्थन दिया, जिसने खिलाड़ियों का मनोबल बढ़ाया।
ग्रामीण भारत में हॉकी को नई दिशा
स्थानीय स्तर पर इस आयोजन से नई पीढ़ी के खिलाड़ियों में उत्साह बढ़ा है। खासकर ग्रामीण इलाकों में जहां हॉकी परंपरा का हिस्सा रही है, वहां अब और भी मजबूती आएगी। यह टूर्नामेंट साबित करता है कि बिहार केवल दर्शक नहीं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय खेल आयोजनों का केंद्र भी बन सकता है।