बिहार विधानसभा चुनाव के मद्देनजर आज राहुल गांधी बिहार दौरे पर पहुंचे। इसके बाद पुलिस ने राहुल गांधी को दरभंगा एयरपोर्ट पर ही रोक दिया। इसके बाद राहुल गांधी दरभंगा एयरपोर्ट से ही आंबेडकर हॉस्टल के लिए निकले। कार्यक्रम के लिए प्रशासन की अनुमति नहीं मिलने के कारण उनके काफिले को जगह-जगह पर प्रशासन ने रोका। इस दौरान कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने जमकर हंगामा भी किया। पुलिस और कांग्रेस कार्यकर्ताओं के बीच जमकर धक्का-मुक्की हुई। इसके बाद राहुल गांधी अपनी गाड़ी छोड़कर पैदल ही आंबेडकर हॉस्टल पहुंचे और छात्राओं को संबोधित किया।
हॉस्टल में छात्रों को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि मैं दिल्ली से यहां पर आप लोगों से संवाद करने आया था लेकिन प्रशासन ने मुझे रोक दिया। इसके बाद मैं पिछले दरवाजे से आप तक पहुंचा हूं। राहुल गांधी ने कहा कि बिहार में डबल इंजन की धोखेबाज सरकार मुझे अंबेडकर हॉस्टल में दलित और पिछड़े छात्रों से बातचीत करने से रोक रही है। उन्होंने सीएम नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए कहा कि नीतीश जी, आप किस बात से डर रहे हैं? क्या बिहार में शिक्षा और सामाजिक न्याय की स्थिति को छिपाना चाहते हैं?
आपके लोग हर पेशे से गायब- राहुल गांधी
राहुल गांधी ने कहा कि 24 घंटे अत्याचार हो रहा है। पेपर लीक हो रहा है, आपको बोलने नहीं दिया जा रहा है। सही तरीके से जातीय जनगणना होनी चाहिए। 90 प्रतिशत आबादी के लिए इस देश में कोई रास्ता नहीं है। आपके लोग हर पेशे से गायब है। हालांकि आपके लोग मनरेगा की लिस्ट में है। बिहार की पुलिस ने मुझे रोकने की कोशिश की, लेकिन रोक नहीं पाए क्योंकि आपकी शक्ति मेरे पीछे है। राहुल गांधी ने संबोधन के दौरान तीन छात्रों को मंच पर बुलाया और उनसे बातचीत की।
#WATCH | Patna | On Rahul Gandhi’s Bihar visit, Bihar BJP President Dilip Jaiswal says, “He should use his mind. If he had to use a government building or hostel, he should have sent an official itinerary… He is the leader of opposition and the state President of a party has to… pic.twitter.com/vzju1rjSfh
---विज्ञापन---— ANI (@ANI) May 15, 2025
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बीजेपी-जेडीयू ने साधा निशाना
राहुल गांधी के कार्यक्रम को लेकर जेडीयू के कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा ने कहा कि आपने कभी सुना है कि हॉस्टल में पॉलिटिकल कार्यक्रम होता है। इन लोगों ने जहां पर परमिशन मांगी वहां पर परमिशन दे दी गई। सवाल यह है कि हॉस्टल में राजनीति कार्यक्रम कैसे होगा जहां पर बच्चे पढ़ने आते हैं इनको राजनीति करनी है। बिहार में चुनाव है इसलिए राजनीति करने आए हैं, इनको बिहार से कोई मतलब नहीं है।
बिहार भाजपा अध्यक्ष दिलीप जायसवाल कहते हैं, उन्हें अपने दिमाग का इस्तेमाल करना चाहिए। अगर उन्हें सरकारी इमारत या छात्रावास का इस्तेमाल करना था, तो उन्हें आधिकारिक यात्रा कार्यक्रम भेजना चाहिए था। वे विपक्ष के नेता हैं और एक पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष को उन्हें यह सिखाना चाहिए। आज़ादी के इतने सालों बाद अचानक उन्हें दलित बच्चों के पास जाने की क्या ज़रूरत पड़ गई?
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