Prashant Kishore said statement: I.N.D.I.A. गुट की आज होने वाली बैठक में प्रधानमंत्री के पद के लिए जेडीयू के नेता नीतीश कुमार के नाम का राग अलाप रहे हैं और वही बिहार कांग्रेस के नेता इस मांग पर तंज कस रहे हैं। इन सबके बीच, मंगलवार को जब पत्रकारों ने जन सुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर से इस बारे में पूछा तो उन्होंने पूरी पोल खोलकर रख दिया।
प्रशांत किशोर ने कहा कि बिहार के पार्टियों की क्या भूमिका हो सकती है, ये तो अपने मुंह मियां मिट्ठू बन रहे हैं। बिहार के नेताओं को I.N.D.I.A. गुट में कौन पूछ रहा है? हमको तो नहीं लग रहा है कि देश की राजनीति में कोई नीतीश कुमार को पूछ रहा है। प्रशांत किशोर ने कहा कि पहले आप गठबंधन बनाएंगे, चुनाव लड़ेंगे और जीतेंगे उसके बाद प्रधानमंत्री पद की बात होगी।
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सांसद जीते नहीं है और मुख्यमंत्री के कयास लगा रहे
बिहार में बड़बोलापन यहां के राजनीतिक जीवन की सच्चाई है। R.J.D पर तंज कसते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि जिस पार्टी के लोकसभा में जीरो सांसद हैं और वो बता रहे हैं कि देश का प्रधानमंत्री कौन होगा। इसे बड़बोलापन नहीं कहेंगे तो क्या कहेंगे। भाई! आपको पूछ कौन रहा है? प्रधानमंत्री कौन बनेगा ये तय तो वो पार्टियां कर सकती हैं जिनके सांसद जीतकर आते हैं। आपके सांसद जीते है क्या जो आप कह रहे हैं कि प्रधानमंत्री कौन होगा? ये तो ऐसे हुआ कि हम यहां से बैठकर कहें कि अमेरिका का राष्ट्रपति कौन होगा? ये तो आपकी मानसिकता को दिखाता है कि आपको न किसी बात की समझ है और न ही सोच है और बेवजह की बात किए जा रहे हैं।
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नेतृत्व कांग्रेस के पास ही रहना चाहिए: प्रशांत किशोर
दरभंगा के ताराडीह प्रखंड में पत्रकार वार्ता के दौरान प्रशांत किशोर ने आगे कहा कि जहां तक बात I.N.D.I.A. गुट में प्रधानमंत्री पद के चर्चा हो रही है। अभी तो I.N.D.I.A. गुट की तीन चार बैठकें ही हुई हैं। अभी कोई कार्यक्रम तय नहीं हुआ, सीट एडजस्टमेंट तय नहीं हुआ। यही नहीं पता है कि गठबंधन में शामिल पार्टियां चुनाव कैसे लड़ेंगी, तो रस्साकशी क्या होगी? ये तो कॉमनसेंस की बात है कि I.N.D.I.A. गुट में सबसे बड़ा दल कांग्रेस है, तो स्वाभाविक तौर पर I.N.D.I.A. गुट का नेतृत्व भी कांग्रेस के पास रहेगा।
आप चाहे जितना हल्ला मचा लीजिए कांग्रेस को छोड़कर कोई दूसरा दल कैसे I.N.D.I.A. गुट का नेतृत्व करने लगेगा? मान लीजिए कि कांग्रेस छोड़ भी दे तो दूसरा बड़ा दल टीएमसी है और वो भी छोड़ देगी तो तीसरा बड़ा दल डीएमके है। बिहार के दलों का तो I.N.D.I.A. गुट में क्या है, बिहार में तो 40 में से 39 सांसद एनडीए गठबंधन के जीते हुए हैं।