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बिहार

‘बिहार में अधिकारियों का जंगल राज चल रहा है’, CM नीतीश के गांव में नहीं जाने देने पर बोले प्रशांत किशोर

Bihar Election News: जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर आज सीएम नीतीश कुमार के गांव कल्याण बिगहा रियलिटी चेक पहुंचे थे, लेकिन जिला प्रशासन ने उन्हें गांव के बाहर ही रोक दिया। दरअसल, प्रशांत किशोर अपनी चुनावी रणनीति के तहत 'बिहार बदलाव हस्ताक्षर अभियान' चला रहे हैं। इस अभियान के तहत वो सीएम नीतीश की विश्वसनीयता की परख कर रहे हैं और लोगों से तीन सवाल पूछ रहे हैं।

Author Edited By : Satyadev Kumar Updated: May 18, 2025 19:43
Prashant Kishor, Bihar Election 2025।
प्रशांत किशोर को सीएम नीतीश के गांव कल्याण बिगहा में जाने की नहीं मिली इजाजत। (फाइल फोटो)

बिहार में विधानसभा चुनाव के मद्देनजर राज्य में सियासी तपिश तेज हो गई है। इसी बीच जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर (पीके) आज सीएम नीतीश कुमार के गृह जिला नालंदा पहुंचे। दरअसल, प्रशांत किशोर सीएम नीतीश कुमार के गांव कल्याण बिगहा जाना चाह रहे थे, लेकिन जिला प्रशासन ने इसकी इजाजत नहीं दी। प्रशांत किशोर इससे पहले 27 अप्रैल को भी नालंदा पहुंचे थे और उन्होंने ऐलान किया था कि उनकी पार्टी ‘बिहार बदलाव हस्ताक्षर अभियान’ चलाएगी, जिसकी शुरुआत सीएम नीतीश कुमार के पैतृक गांव कल्याण बिगहा से की जाएगी। इस अभियान की शुरुआत वो कल्याण बिगहा से करने के लिए वहां जाना चाहते थे, लेकिन कल्याण बिगहा में प्रवेश करने से जिला प्रशासन ने रोक दिया।

प्रशांत किशोर नहीं कर पाए कल्याण बिगहा का रियलिटी चेक

प्रशांत किशोर ने कहा कि बिहार में विकास का दावा करने वाली एनडीए सरकार के मुखिया नीतीश कुमार के गांव में कितना काम हुआ है, इसे हम जनता के बीच पहुंचाने के लिए उनका गांव जाना चाहते थे। पीके ने कहा कि ‘वो नीतीश कुमार के गांव से 3 मुद्दों पर रियलिटी चेक करना चाहते थे। इन मुद्दों में जमीन सर्वे में घूसखोरी, गरीब दलित परिवारों को आवास के लिए जमीन का आवंटन और जातीय सर्वे के आधार पर गरीब परिवारों को 2 लाख की वित्तीय सहायता शामिल है।’ जिला प्रशासन ने उन्हें गांव में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी और उन्हें गांव के बाहर ही रोक दिया गया। हालांकि, इस दौरान प्रशांत किशोर से बात करने के लिए कल्याण बिगहा से कुछ लोग जरूर आए और अपनी बात रखी।

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क्या कहा प्रशांत किशोर ने?

नालंदा जिले में सीएम नीतीश कुमार के पैतृक गांव कल्याण बिगहा में जाने से रोके जाने पर जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर ने कहा, ‘प्रशासन ने मुझे 3 किलोमीटर के पूरे क्षेत्र में किसी भी गांव में जाने से नहीं रोका। कल्याण बिगहा आने से पहले मैंने कई गांवों के लोगों से बात की इस दौरान मुझे पता चला कि किसी भी गरीब परिवार को 2 लाख रुपये नहीं मिला है। लोगों ने बताया कि भारी भ्रष्टाचार हो रहा है और गरीब दलित परिवारों को आवास के लिए 3 डिसमिल जमीन भी नहीं मिला है।’

‘बिहार में अधिकारियों का ‘जंगल राज’ चल रहा है’

प्रशांत किशोर ने आगे कहा कि ‘लोगों ने मुझे बताया कि उन्हें लाभ नहीं मिल रहा है और उन्होंने भ्रष्टाचार की भी शिकायत की है। अब प्रशासन मुझसे कह रहा है कि मैं कल्याण बिगहा नहीं जा सकता, क्योंकि ऊपर से ऐसे आदेश हैं। हम कानून का पालन करने वाले लोग हैं और हम उनसे पूछते हैं कि अगर मैं आपके निर्देश का पालन नहीं करूंगा तो वे क्या करेंगे? उन्होंने कहा कि हमारे पास इस बारे में कोई आदेश नहीं है, हमें पहले पूछना चाहिए। नीतीश जी ने यहां अच्छी सड़कें बनाई हैं और ऐसा पूरे बिहार में होना चाहिए। यह बिहार में नई परंपरा शुरू हुई है, दो दिन पहले राहुल गांधी बिहार में थे, ऐसी चीजें बिहार में आम नहीं थीं। मुझे नहीं लगता कि नीतीश कुमार ऐसे आदेश दे सकते हैं, राज्य में अधिकारियों का ‘जंगल राज’ चल रहा है।’

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क्या हैं प्रशांत किशोर के 3 सवाल?

प्रशांत किशोर ने कहा कि जन सुराज पार्टी तीन मुद्दों पर नीतीश कुमार के गांव से रियलिटी टेस्ट करना चाहती है। पहला, क्या जमीन के सर्वे में घूस ली जा रही है? दूसरा, क्या गरीब दलित परिवारों को आवास के लिए तीन डिसमिल जमीन दी गई है? और तीसरा, क्या जातीय सर्वे के आधार पर चिन्हित गरीब परिवारों को दो लाख रुपये की सहायता दी गई है? प्रशांत किशोर ने कहा कि वो जानना चाहते हैं कि बिहार में करीब 94 लाख गरीब परिवार हैं, जिन्हें सरकारी योजनाओं का लाभ मिला है या नहीं? उन्होंने कहा कि हम सिर्फ यह देखना चाहते हैं कि अगर नीतीश कुमार के गांव में किसी को इस योजना का लाभ मिला है तो मुझसे मिलें और बात करें।

First published on: May 18, 2025 07:43 PM

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