बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले जनसुराज पार्टी ने बड़ा राजनीतिक दांव खेला है। भाजपा के पूर्व सांसद उदय सिंह को पार्टी का पहला राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया गया है। इससे पहले जनसुराज पार्टी में रविवार को पूर्व केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह ने अपनी पार्टी ‘आसा’ का विलय कर दिया था। इसके बाद सोमवार को प्रशांत किशोर ने पूर्णिया से भाजपा के सांसद रहे उदय सिंह उर्फ पप्पू सिंह को अपनी पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष घोषित कर दिया। इसी बीच प्रशांत किशोर के लिए एक चिंता की खबर भी सामने आई है। बताया जा रहा है कि पूर्व आईपीएस अधिकारी आनंद मिश्रा पार्टी छोड़ सकते हैं।
पप्पू सिंह ने क्या कहा?
जन सुराज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष नियुक्त किए जाने के बाद उदय सिंह उर्फ पप्पू सिंह ने कहा, ‘मैं पूरी निष्ठा से पार्टी की जिम्मेदारी निभाऊंगा और जन सुराज को जनता के बीच एक मजबूत विकल्प के रूप में स्थापित करूंगा।’
जनसुराज में शामिल हो चुके हैं कई दिग्गज नेता
प्रशांत किशोर अपनी पार्टी और संगठन को आगे बढ़ाने के लिए लगातार काम कर रहे हैं। वो दूसरी पार्टियों से आए नेताओं को अपनी पार्टी में शामिल कर रहे हैं। पूर्व केंद्रीय मंत्री देवेंद्र यादव, बिहार सरकार के पूर्व मंत्री वृषण पटेल जैसे कई नेता जनसुराज पार्टी में शामिल हो चुके हैं। प्रशांत किशोर इन नेताओं के सहारे विधानसभा चुनाव में अपनी पार्टी को मजबूत स्थिति में लाना चाहते हैं।
कोर कमेटी के 150 सदस्यों ने लिया फैसला: पीके
प्रशांत किशोर ने बताया कि यह निर्णय पार्टी की कोर कमिटी के 150 सदस्यों ने सर्वसम्मति से लिया है कि उदय सिंह उर्फ पप्पू सिंह पार्टी के पहले राष्ट्रीय अध्यक्ष होंगे। प्रशांत किशोर के अनुसार, जन सुराज पार्टी के सभी सदस्यों ने मिलकर पप्पू सिंह को अध्यक्ष बनाने का फैसला किया है। उन्होंने कहा कि हम ऐसा नेतृत्व चाहते थे जो अनुभव के साथ जनाधार भी रखता हो और पप्पू सिंह उसके सबसे उपयुक्त उदाहरण हैं।
कौन हैं पप्पू सिंह?
प्रशांत किशोर की पार्टी से जुड़े उदय सिंह उर्फ पप्पू सिंह भाजपा से दो बार सांसद रह चुके हैं। पूर्णिया लोकसभा सीट से 2009 से लेकर 2019 तक दो बार बीजेपी के टिकट पर सांसद रह चुके हैं। पप्पू सिंह बहुत बड़े व्यवसायी हैं। उनका कारोबार पूर्णिया ही नहीं बल्कि पूरे देश में चलता है। पूर्व सांसद पप्पू सिंह की एक अलग पहचान समाजसेवी और व्यवसायी के रूप में भी है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार उनके पास 1000 करोड़ से ऊपर की संपत्ति है। उनकी चर्चा एक खास वैनिटी वैन को लेकर भी हुई थी, जिसे उन्होंने 2011 में शौक के लिए खरीदा था। यह वही वैनिटी बैन है, जिससे अब प्रशांत किशोर चलते हैं।
कांग्रेस से अलग होने के बाद पप्पू सिंह कुछ समय से जन सुराज पार्टी और प्रशांत किशोर के साथ खुलकर काम कर रहे थे। बता दें कि जनसुराज पार्टी का संचालन शेखपुरा हाउस से हो रहा है। यह हाउस पूर्व सांसद उदय सिंह उर्फ पप्पू सिंह का ही है।
पप्पू सिंह की मां भी रह चुकी हैं सांसद
पप्पू सिंह का पूरा परिवार पढ़ा-लिखा और राजनीति से जुड़ा रहा है। उनके पिता टीपी सिंह आईसीएस अफसर थे। आजादी से पहले आईएएस को आईसीएस कहा जाता था। इनकी मां माधुरी सिंह भी कांग्रेस के टिकट पर दो बार 1980 से लेकर 1989 तक सांसद रह चुकी हैं। इंदिरा गांधी के निधन के बाद जब चुनाव हुआ था तो रिकॉर्ड मतों से माधुरी सिंह ने कांग्रेस के टिकट पर चुनाव जीता था। इनके बड़े भाई एनके सिंह आईएएस अधिकारी रह चुके हैं। एनके सिंह जेडीयू के राज्यसभा सांसद भी रह चुके हैं और फिलहाल वह भाजपा के साथ हैं। उनकी एक बहन श्यामा सिंह और बहनोई निखिल कुमार औरंगाबाद से कांग्रेस के सांसद रहे हैं। निखिल कुमार पूर्व मुख्यमंत्री सत्येंद्र नारायण सिन्हा के बेटे हैं।
आनंद मिश्रा छोड़ सकते हैं पार्टी का साथ
इसी बीच पार्टी के अंदर सबकुछ ठीक नहीं चल रहा। सूत्रों के मुताबिक, जन सुराज के युवा मोर्चा प्रमुख और पूर्व आईपीएस अधिकारी आनंद मिश्रा पार्टी छोड़ सकते हैं। बताया जा रहा है कि वे जल्द ही भाजपा का रुख कर सकते हैं। जन सुराज युवा के राष्ट्रीय अध्यक्ष आनंद मिश्रा ने अपने पद से हटने की पेशकश की है। आनंद मिश्रा ने कहा की उन्होंने पार्टी से इस्तीफा नहीं दिया है बल्कि खुद को वर्तमान में दी गई युवा इकाई के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से हटने की इच्छा जाहिर की है। गौरतलब है की जनसुराज पार्टी एक ओर जहां नए चेहरों को जोड़कर खुद को मजबूत बना रही है, वहीं दूसरी ओर अंदरूनी असंतोष भी सामने आने लगा है। अब देखना होगा कि प्रशांत किशोर की ये रणनीति चुनावी समर में कितना असर दिखा पाती है।