सौरव कुमार, पटना: राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) के सहयोगी दलों की बैठक में राष्ट्रीय लोकजनशक्ति पार्टी प्रमुख और केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस ने भी हिस्सा लिया था। इस दौरान उनके भतीजे और राष्ट्रीय लोकजनशक्ति पार्टी (राम विलास) प्रमुख चिराग पासवान का पैर छूना चर्चा का विषय बन गया था। कयास लगाए जाने लगे कि चाचा-भतीजा के बीच सबकुछ ठीक होने जा रहा है और लोकसभा चुनाव 2024 के लिए हाजीपुर लोकसभा सीट को लेकर सहमति बन रही है। फिलहाल हाजीपुर से पशुपति सांसद हैं। उन्हें भाई और दिवंगत नेता रामविलास पासवान ने खराब सेहत का हवाला देते हुए चुनाव लड़ाया था, लेकिन चिराग ने भी पिता की इस सीट से अपना दावा ठोक दिया है।
बिहार के लोगों को गलतफहमी हुई
शनिवार को चिराग के पैर छूने और आशीर्वाद देने पर पशुपति कुमार पारस ने अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि देश और बिहार के लोगों को गलतफहमी हुई। 18 को चिराग एनडीए की मीटिंग में आए थे और इस दौरान उन्होंने मेरे पैर छूए, साथ ही आशीर्वाद भी मांगा। हमने उन्हें आशीर्वाद दिया, लेकिन इसे लोगों ने गलत समझ लिया।
उनका दल अलग है
पशुपति कुमार पारस ने कहा कि उनका दल अलग है। हमलोग एनडीए गठबंधन के साथ हैं। उन्होंने चिराग पर आरोप लगाते हुए कहा कि 2020 के विधानसभा चुनाव में चिराग ने जदयू के साथ ही भाजपा के खिलाफ अपना उम्मीदवार दिया था। उस वक्त पार्टी एक थी, लेकिन हम उस वक्त कुछ बोल नहीं पाए क्योंकि चिराग पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष थे।
हम भाजपा के ईमानदार सहयोगी
केंद्रीय मंत्री कहा कि इसके बाद एक उम्मीदवार उस वक्त जीता था फिर वो विधायक भी जदयू में चला गया। इसके बाद से हमारी लड़ाई हुई। अब 2 साल के बाद फिर से वो एनडीए के साथ आ गया है। उन्होंने कहा कि हम एनडीए के विश्वासी हैं। हमारे 5 सांसद हैं, लेकिन कहीं कोई टूट नहीं हैं। हम भाजपा के ईमानदार सहयोगी हैं।
मेरे भाई की कर्मभूमि, हर हाल में चुनाव लड़ेंगे
वहीं उन्होंने कहा कि हाजीपुर पर अगर चिराग दावा कर रहे हैं तो मैं भी कह रहा हूं कि वो मेरे भाई की कर्मभूमि है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि हमारा राजनीतिक रिश्ता अलग है। हाजीपुर से हर हाल में चुनाव लड़ेंगे। कोई ताकत इसे नहीं रोक सकती। चिराग भले ही एनडीए की बैठक में शामिल हुए पर अभी वो गठबंधन में नहीं हैं। उन्होंने कहा कि व्यक्ति नहीं समय बलवान होता है। भाजपा के जेपी नड्डा और अमित शाह से मेरे जितने बढ़िया संबंध है, उतने दूसरे किसी के नहीं हैं।