Bihar News: (प्रिंस गुप्ता, कटिहार) बिहार के कटिहार में सदर अस्पताल के डॉक्टरों पर इलाज के दौरान लापरवाही बरतने के आरोप लगे हैं। एक महिला को प्रसव पीड़ा के बाद यहां लाया गया था। आरोप है कि डॉक्टरों और नर्स की लापरवाही के कारण नवजात बच्चे के हाथ-पैर टूट गए। जिसके बाद आक्रोशित परिजनों ने बवाल कर दिया। परिजनों ने आरोप लगाया कि हाथ-पैर तोड़ने के बाद भी डॉक्टरों का मन नहीं भरा। नवजात को अब जबरन दूसरे अस्पतालों में भेजे जाने की कोशिशें हो रही हैं। नवजात के पिता राजेंद्र ठाकुर के अनुसार अब डॉक्टर बेहतर इलाज के नाम पर बच्चे को भागलपुर, दरभंगा या पटना के अस्पतालों में ले जाने के लिए दबाव बना रहे हैं।
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बच्चे का जन्म इसी अस्पताल में हुआ है और नर्स की लापरवाही के कारण बच्चे के हाथ-पैर टूटे हैं। परिजनों ने मांग की कि उनके नवजात का इलाज यहीं होना चाहिए। अस्पताल प्रबंधन कोई सुध नहीं ले रहा है। परिजनों ने धमकी दी है कि अगर उनकी सुनवाई नहीं की गई तो वे नवजात को लेकर अस्पताल की छत से कूद जाएंगे। बिहार में पहले भी सरकारी अस्पतालों में लापरवाही के आरोप डॉक्टरों पर लग चुके हैं। कई मामलों में जांच भी हुई है। लेकिन इसके बाद भी व्यवस्था में सुधार नहीं हो रहा।
छत्तीसगढ़ में भी सामने आया ऐसा मामला
वहीं, छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में भी एक नौ साल के बच्चे की मौत होने का मामला सामने आया है। आरोप है कि मलेरिया से ग्रस्त बच्चे के इलाज में लापरवाही बरती गई। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बेलगहना में बच्चे को इलाज के लिए एडमिट करवाया गया था। डॉक्टर ने बच्चे के ब्लड टेस्ट के लिए परिजनों को लैब भेजा था। लेकिन यहां मौजूद कर्मी ने बच्चे का चेकअप नहीं किया। उसने परिजनों के मुंह पर पर्ची फेंककर मारी। जिसकी वजह से बच्चे के इलाज में देरी हुई। अस्पताल प्रबंधन ने जांच की बात कही है।
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