अमिताभ कुमार ओझा
India’s biggest Golden Thief Subodh Singh: वो बिहार के सबसे बड़े और सुरक्षित जेलों में से एक की चाहरदीवारी में कैद है… पिछले 6 साल से उसने बाहरी दुनिया नहीं देखी है… लेकिन फिर भी देश के अलग-अलग राज्यों की पुलिस के लिए वो सिरदर्द है। जेल में रहते हुए भी उसके खिलाफ एक दर्जन से ज्यादा मामले दर्ज हुए हैं। पुलिस उसे ‘गोल्डन थीफ’ के नाम से जानती है, वहीं नए उम्र के अपराधियों के लिए वह जुर्म का गॉडफादर है। वो जेल के अंदर से इशारा करता है और बाहर उसके गुर्गे बड़ी से बड़ी घटनाओं को अंजाम देते हैं। हम बात कर रहे हैं पटना के बेउर जेल में बंद देश के सबसे बड़े सोना लुटेरे सुबोध सिंह की। एक बार फिर से सुबोध सिंह का नाम सोने की लूट के मामले में सामने आया है।
Bihar Police caught two robbers who looted jewellery from tanishq store in Ara town in Bhojpur, Bihar.
Shot in legs in an encounter when they tried to cross the town borders.
---विज्ञापन---70% jewellery recovered… pic.twitter.com/48rcs26UfD
— Lakshay Mehta (@lakshaymehta31) March 11, 2025
आरा के तनिष्क शो रूम में कुछ दिनों हुए लूट के मामले में अब बोध सिंह का नाम सामने आया है। हालांकि इस समय सुबोध सिंह बेउर जेल से रिमांड पर पश्चिम बंगाल के जेल में गया हुआ है। लेकिन जेल में बंद रहने के बाद भी सोने की लूट का उसका काम जारी है।
क्या है सुबोध सिंह की कमजोरी?
सुबोध सिंह बिहार के नालंदा जिले के चंडी का रहने वाला है। सुबोध सिंह ने जुर्म की दुनिया में कदम रखने के बाद सिर्फ बड़ी-बड़ी वारदातों को ही अंजाम दिया है। सुबोध सिंह की कमजोरी गोल्ड है। उसने न सिर्फ बिहार और झारखंड बल्कि देश के अलग-अलग राज्यों में ‘गोल्ड लूट’ की बड़ी घटनाओं को अंजाम दिया है। अब तक सुबोध सिंह और उसके गिरोह ने 400 किलो से ज्यादा का सोना लुटा है। इसके गिरोह के कई सदस्य पुलिस मुठभेड़ में मारे गए और कई गिरफ्तार किए गए। लेकिन, फिर भी उसका गिरोह बढ़ता ही जा रहा है।
तनिष्क शोरूम में लूट
पिछले 6 साल से सुबोध सिंह जेल में होने के बाद भी उसके गैंग द्वारा देश के अलग-अलग शहरों में गोल्ड लूट की बड़ी घटनाओं को अंजाम दिया जा चुका है। आरा में तनिष्क शो रूम में हुए लूट की घटना में भी इसी का नाम सामने आया है। उसके 2 गुर्गे पुलिस मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार किए गए थे। इससे पहले भी पिछले साल पूर्णिया के तनिष्क शोरूम में इस गिरोह ने लूट की घटना अंजाम दिया गया और उसके आरोपी भी गिरफ्तार किए गए।
आरा में दिनदहाड़े तनिष्क ज्वेलरी शोरूम में 25 करोड़ की लूट
◆ अपराधियों ने शोरूम के स्टाफ को बंधक बनाकर 30 मिनट तक लूटपाट की
◆ घटना का पूरा वीडियो CCTV में कैद हो गया#Tanishq | Tanishq Showroom Bihar Ara pic.twitter.com/SHVa5RXWQi
— News24 (@news24tvchannel) March 10, 2025
गोल्डन थीफ से डरती है इन राज्यों की पुलिस
बिहार, झारखंड, उड़ीसा, मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़… ये वो राज्य हैं जहां की पुलिस इस गोल्डन थीफ से डरती है। इन सभी राज्यों में इसके गिरोह ने गोल्ड लूट की बड़ी घटनाओं को अंजाम दिया है। 26 नवंबर 2022 को मध्य प्रदेश के कटनी में मन्नपुरम गोल्ड लोन बैंक से 16 किलो सोना और 3.5 लाख रुपयों की लूट हुई थी। दिनदहाड़े बाइक सवार अपराधियों ने पूरी घटना को अंजाम दिया था। इस मामले की जांच के लिए एक SIT बनाई गई थी, जिसमें 120 पुलिस कर्मियों को शामिल किया गया था। जांच के दौरान पुलिस ने दो लुटेरों को गिरफ्तार किया था। ये दोनों लुटेरे बिहार के थे, जिनमें से एक की पहचान पटना के शुभम तिवारी के रूप में हुई है। घटना में कुल 6 अपराधी शामिल थे।
लूट की वारदात का मास्टर माइंड
इन अपराधियों के पास से 10,000 केस, एक कट्टा बरामद किया गया था। लेकिन लूटा गया सोना इनके पास से बरामद नहीं हुआ। जांच में सामने आया कि इस घटना का मास्टरमाइंड पटना के बेउर जेल में बंद सुबोध सिंह था। लूट की इस घटना में शामिल शुभम तिवारी खुद पटना के पत्रकारनगर थाना से जेल जा चुका है, वहीं बाकी के 4 में से 3 भी छोटे-छोटे मामलों में जेल गए थे। मध्य प्रदेश के अलावा राजस्थान पुलिस भी 24 अगस्त को हुए लूट मामले की जांच में पटना आई हुई है। इस घटना में भी 14 किलो सोना लूटा गया था।
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इससे पहले 6 सितंबर 2022 को झारखंड के धनबाद में भी दिनदहाड़े लुटेरों ने बैंक मोड़ थाना क्षेत्र में स्थित मुथुत गोल्ड लोन बैंक पर धावा बोला था। यहां उनकी पुलिस के साथ मुठभेड़ हो गई, जिसमें एक लुटेरा मारा गया था और दो गिरफ्तार हुए थे। हालांकि, बाकी 2 अपराधी भागने में सफल रहे थे। इस घटना में भी सुबोध सिंह ही मास्टरमाइंड था।
नाटकीय ढंग से हुई गिरफ्तारी
6 राज्यों की पुलिस के लिए सिरदर्द बन चुके शातिर सुबोध की गिरफ्तारी भी बड़े ही नाटकीय ढंग से हुई थी। बिहार STF ने साल 2018 में सुबोध को पटना से गिरफ्तार किया था। गिरफ्तारी के बाद इसके ठिकाने से 15 किलो सोने के जेवरात सहित कई हथियार बरामद हुए थे। सुबोध के शरीर पर ही करीब 1.5 किलो के सोने के जेवरात थे।
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पुलिस को 50 लाख का ऑफर
पटना में सुबोध अपनी प्रेमिका से मिलने आया हुआ था। किसी तरह STF को इसकी भनक लग गई थी। जिसके बाद STF ने जाल बिछाया, जिसमें वह पकड़ा गया। बताया जाता है कि पकड़े जाने के बाद उसने टीम में शामिल पुलिसकर्मियों को 50 लाख रुपये का ऑफर दिया था। उस समय सुबोध के ठिकानों से 30 पिस्टल, एक 32 पिस्टल, एक कट्टा, 25 कार्टेज, एक बुलेटप्रूफ जैकेट, 8 मोबाइल, बाइक और स्कूटी बरामद हुई हैं। पुलिस की पूछताछ के बाद उसके ठिकाने से एक कार, बीपी जैकेट, मेटल डिटेक्टर, एक रिवॉल्वर और 2 कार्टेज भी बरामद हुए।
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गिरफ्तारी के पहले सुबोध सिंह ने 21 जुलाई 2017 को राजस्थान के मानसरोवर में रजत पथ स्थित मुथूट फाइनेंस की ब्रांच में धावा बोलकर बीस मिनट में करीब 27 किलो सोना और नकदी लूट ली थी। कुछ दिन बाद पुलिस ने 3 आरोपित अन्नू, विक्की और शुभम को बिहार से गिरफ्तार कर लिया था। सुबोध बड़े ही हाईटेक तरीके से अपना गिरोह चलाता था। जहां भी घटना करनी होती थी, पहले जाकर वहां रेकी करता था। लोकल इनपुट लेता था। महंगे होटलों में रहता था, फिर लौट आता था। उसके घटना के एक दिन पहले फ्लाइट से जाता था और घटना को अंजाम देकर ट्रेन से लौट जाता था। उसके पास से मिले पासपोर्ट से पता चला कि वह विदेश भी आता-जाता था।
ऐसे बढ़ाता है अपनी गैंग
एक पुलिस अधिकारी के अनुसार सुबोध सिंह जेल में रहने के दौरान भी अपना गिरोह बखूबी चला रहा है। पटना के बेउर जेल में रहने के दौरान वह लगातार अपने गिरोह को संगठित करता रहा है। सूत्र बताते हैं कि सुबोध जेल में रहने के दौरान उन कम उम्र के लड़कों पर नजर रखता है जो छोटे-मोटे अपराध में जेल में आते हैं। वह उनका ब्रेनवॉश करता है और उन्हें जेल में सुविधा दिलाता है। इसके साथ ही ज्यादा पैसा कमाने का लालच देकर अपने गिरोह में शामिल कर लेता है। जेल से बाहर आने पर ये लड़के उसके लिए काम करते हैं। इसके अलावा, गिरोह के जो साथी मारे जाते हैं या गिरफ्तार होते हैं, उनके परिवार की देखभाल भी वह करता है। यही वजह है कि गिरोह के सदस्य उसके एक इशारे पर कुछ भी करने को तैयार हो जाते हैं। इसी साल जनवरी में उसके गिरोह के खास सदस्य गुड्डू को वैशाली पुलिस ने गिरफ्तार किया था। सुबोध सिंह एक घटना में शामिल नए अपराधियों को दूसरी घटना में शामिल नहीं करता है। जो गद्दारी करते हैं, उनकी हत्या करवा देता है। हाजीपुर जेल के अंदर ही उसने अपने विरोधी अमित की हत्या करवा दी थी।