---विज्ञापन---

Bihar News: बाहुबली आनंद मोहन सहरसा जेल से रिहा, डीएम की हत्या में मिली थी उम्रकैद की सजा

Bihar News: गैंगस्टर से राजनेता बने आनंद मोहन सिंह गुरुवार सुबह साढ़े चार बजे सहरसा जेल से रिहा हो गया। एक जेल अधिकारी ने आनंद मोहन के रिहा होने की पुष्टि की। बता दें कि 1985 बैच के आईएएस अधिकारी जी कृष्णय्या की हत्या के आरोप में आनंद मोहन को निचली अदालत ने 2007 में […]

Edited By : Om Pratap | Updated: Apr 27, 2023 12:03
Share :
Anand Mohan Singh, Bihar news, Bihar Politics, IAS Officer murder

Bihar News: गैंगस्टर से राजनेता बने आनंद मोहन सिंह गुरुवार सुबह साढ़े चार बजे सहरसा जेल से रिहा हो गया। एक जेल अधिकारी ने आनंद मोहन के रिहा होने की पुष्टि की। बता दें कि 1985 बैच के आईएएस अधिकारी जी कृष्णय्या की हत्या के आरोप में आनंद मोहन को निचली अदालत ने 2007 में मौतक की सजा सुनाई थी। एक साल बाद पटना उच्च न्यायालय ने सजा को आजीवन कारावास में बदल दिया था।

आनंद मोहन 2007 से सहरसा जेल में हैं। उनकी पत्नी लवली आनंद भी लोकसभा सांसद हैं, जबकि उनके बेटे चेतन आनंद बिहार के शिवहर से राजद के विधायक हैं। बता दें कि बिहार सरकार ने हाल ही में आनंद मोहन समेत 27 दोषियों को रिहा करने की अनुमति देते हुए जेल नियमों में संशोधन किया था। आनंद मोहन 1994 में गोपालगंज के तत्कालीन जिलाधिकारी जी कृष्णैया की हत्या के मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहा था।

---विज्ञापन---

और पढ़िए – क्यों बाहुबली पूर्व सांसद आनंद मोहन को नीतीश सरकार ने किया रिहा? मारे गए IAS अफसर की पत्नी ने बताई बड़ी वजह

गोपालगंज के तत्कालीन डीएम जी कृष्णैया की पत्नी उमा देवी कहती हैं कि मैं राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और पीएम नरेंद्र मोदी से इस मामले में हस्तक्षेप करने और सीएम नीतीश कुमार से उन्हें (आनंद मोहन) वापस जेल भेजने की अपील करती हूं। उन्होंने कहा कि जनता आनंद मोहन की रिहाई का विरोध करेगी, उसे वापस जेल भेजने की मांग करेगी। उन्हें रिहा करना गलत फैसला है। सीएम को इस तरह की चीजों को बढ़ावा नहीं देना चाहिए। अगर वह (आनंद मोहन) भविष्य में चुनाव लड़ेंगे तो जनता को उनका बहिष्कार करना चाहिए।

जिलाधिकारी की बेटी बोलीं- फैसले के खिलाफ करेंगे अपील

गोपालगंज के तत्कालीन जिलाधिकारी जी कृष्णैया की बेटी पद्मा ने कहा कि आनंद मोहन सिंह का आज जेल से छूटना हमारे लिए बहुत दुख की बात है। सरकार को इस फैसले पर पुनर्विचार करना चाहिए। मैं नीतीश कुमार से अनुरोध करती हूं कि इस फैसले पर दोबारा विचार करें। इस फैसले से उनकी सरकार ने एक गलत मिसाल कायम की है। यह सिर्फ एक परिवार के लिए नहीं बल्कि पूरे देश के लिए अन्याय है। हम इस फैसले के खिलाफ अपील करेंगे।

और पढ़िए – बिहार में बाहुबली आनंद मोहन पर नीतीश सरकार मेहरबान, रिहाई के लिए बदल डाला जेल मैनुअल, BJP ने कहा- ‘आया जंगलराज’

क्यों आनंद मोहन को नीतीश सरकार ने किया रिहा? 

दरअसल, बिहार में चार फीसदी राजपूत हैं। आनंद मोहन भी इसी जाति से है। माना जा रहा है कि आनंद मोहन की रिहाई से इस वोटबैंक का फायदा नीतीश कुमार की पार्टी आरजेडी को अगले चुनाव में मिलेगा। बता दें कि बिहार की नीतीश कुमार की गठबंधन वाली सरकार ने 10 अप्रैल को जेल मैनुअल के परिहार नियमों में बदलाव किया है। इसके तहत सरकारी सेवकों की हत्या करने वाले कैदियों को भी 14 साल की सजा काटने के बाद छोड़ा जा सकता है। शर्त यह है कि कारावास की अवधि में कैदी का आचरण अच्छा हो। इसी नियम का आनंद मोहन को फायदा पहुंचा है।

29 साल पहले डीएम की हत्या में मिली थी फांसी

आनंद मोहन 1994 में हुए गोपालगंज के तत्कालीन डीएम जी कृष्णय्या की हत्या के आरोप में उम्रकैद की सजा काट रहे थे। जिस वक्त कृष्णय्या की हत्या हुई, उस वक्त वे पटना से गोपालगंज जा रहे थे। उसी वक्त मुजफ्फरपुर के पास गैंगस्टर छोट्टन शुक्ला के अंतिम संस्कार के दौरान भीड़ ने उन्हें पीट-पीटकर मार डाला।

आनंद मोहन को निचली अदालत ने भीड़ को कृष्णैय्या को लिंच करने के लिए उकसाने के आरोप में फांसी की सजा सुनाई थी। हालांकि 2008 में हाईकोर्ट ने इसे उम्र कैद की सजा में बदल दिया था। उन्हें सुप्रीम कोर्ट से भी राहत नहीं मिली थी। अब बिहार सरकार ने कहा है कि आनंद मोहन 14 साल की सजा काट चुके हैं। उनके अच्छे व्यवहार के कारण उन्हें परिहार पर रिहा किया जा रहा है।

और पढ़िए – प्रदेश से जुड़ी अन्य बड़ी ख़बरें यहाँ पढ़ें

HISTORY

Edited By

Om Pratap

First published on: Apr 27, 2023 08:18 AM

Get Breaking News First and Latest Updates from India and around the world on News24. Follow News24 on Facebook, Twitter.

संबंधित खबरें