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बिहार

प्रशांत किशोर की पार्टी जन सुराज में शामिल हुए आरसीपी सिंह, अपनी पार्टी का भी विलय किया

बिहार में विधानसभा चुनाव से कुछ महीने सियासी दलबदल का खेल जारी है। आरसीपी सिंह ने प्रशांत किशोर की पार्टी जन सुराज का दामन थाम लिया है। उन्होंने कुछ महीने पहले ही आप सबकी आवाज नामक पार्टी बनाई थी। पटना से सौरभ कुमार की रिपोर्ट...

Author Edited By : Rakesh Choudhary Updated: May 18, 2025 12:20
RCP Singh joins Jan Suraaj party
RCP Singh joins Jan Suraaj party

जेडीयू के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह आज प्रशांत किशोर की पार्टी जन सुराज में शामिल हो गए। उन्होंने करीब सात महीने पहले आप सबकी आवाज नामक पार्टी बनाई थी। ऐसे में आरसीपी सिंह ने अपनी पार्टी का भी जनसुराज में विलय कर दिया। आरसीपी सिंह भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी रह चुके हैं। सीएम नीतीश कुमार के प्रधान सचिव के तौर पर भी इन्होंने लंबे समय तक काम किया। नीतीश कुमार से मतभेद के बाद इन्होंने बीजेपी का दामन थाम लिया था।

आरसीपी सिंह का पूरा नाम रामचंद्र प्रसाद सिंह हैं। वे ओबीसी की कुर्मी जाति से आते हैं। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा गांव में पूरी की, फिर पटना साइंस कॉलेज से 12वीं पास की और 1979 में पटना कॉलेज से इतिहास में स्नातक की डिग्री हासिल की। इसके बाद उन्होंने 1982 में दिल्ली के जेएनयू से अंतर्राष्ट्रीय संबंधों में मास्टर किया।

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नीतीश कुमार के नेतृत्व के लिए सीधी चुनौती

आरसीपी और पीके की जोड़ी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व के लिए सीधी चुनौती है क्योंकि दोनों ने नीतीश कुमार के लिए कई सालों तक ना केवल काम किया है बल्कि दोनों नीतीश कुमार के काफी खास भी हुआ करते थे। इसीलिए दोनों नेता नीतीश कुमार की हर रणनीति को अच्छी तरह से जानते और समझते भी है। आज आरसीपी सिंह और प्रशांत किशोर के साथ संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में बिहार में आगामी चुनावी लड़ाई के लिए रणनीतिक योजनाओं का खुलासा किया। बिहार में बदल रहे सियासी समीकरण के बीच यह जदयू के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकता है।

आरसीपी के आने से पीके को कितना फायदा

प्रशांत किशोर और जनसुराज पार्टी के साथ मिलकर काम करने के आरसीपी सिंह के फैसले को एक बड़े राजनीतिक बदलाव के रूप में देखा जा रहा है, जिसका बिहार के राजनीतिक परिदृश्य पर दूरगामी प्रभाव पड़ सकता है।आरसीपी सिंह और प्रशांत किशोर दोनों नेताओं की अच्छी बात यह है की इन दोनों नेताओं के पास एक बड़ा अनुभव के साथ साथ दोनों एक अच्छे रणनीतिकार भी माने जाते है।

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प्रशांत किशोर की पार्टी में अब तक कोई बड़ा नेता नही था जिसके पास मंत्रालय के साथ साथ संगठन का लंबा अनुभव रहा हो,आरसीपी के आने से वो कमी पूरी हो गई है तभी तो दोनों मीडिया के सामने कह रहे है जो काम अकेले हम लोग 5 साल में करते अब साथ आने के बाद 5 महीने में पूरा कर लेगें।

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First published on: May 18, 2025 12:08 PM

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