---विज्ञापन---

बिहार

बिहार चुनाव से पहले 17 पार्टियों को ‘डीलिस्ट’ करने की तैयारी, चुनाव आयोग ने जारी किया नोटिस

Election Commission: इलेक्शन कमीशन ने 17 गैर-मान्यता वाले राजनीतिक दलों पर सख्त कार्रवाई करते हुए, इन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया है। दरअसल, चुनावी निष्क्रियता के चलते निर्वाचन आयोग इन्हें डीलिस्ट करने की तैयारी कर रहा है। पढ़ें बिहार से अमिताभ ओझा की रिपोर्ट।

Author Written By: Namrata Mohanty Author Edited By : Namrata Mohanty Updated: Jul 7, 2025 15:07

Election Commission: भारत निर्वाचन आयोग ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए ऐसे पंजीकृत किन्तु गैर मान्यता प्राप्त 17 राजनीतिक दलों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। दरअसल, यह फैसला इस वजह से लिया गया है क्योंकि इन दलों ने साल 2019 से अब तक कोई भी चुनाव नहीं लड़ा है। चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया है कि इन दलों को लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 के तहत प्राप्त विशेष लाभों का उपयोग तो हो रहा है, लेकिन उनकी चुनावी सक्रियता न के बराबर रही है।

कौन-कौन से दलो को जारी नोटिस?

निर्वाचन आयोग के पत्र (संख्या: 56/2025/PPS-III, दिनांक: 26 जून 2025) के अनुसार, जिन दलों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है, उनमें शामिल ये दल शामिल हैं।

---विज्ञापन---
  • भारतीय बैकवर्ड पार्टी
  • भारतीय सुराज दल
  • भारतीय युवा पार्टी (डेमोक्रेटिक)
  • भारतीय जनतंत्र सनातन दल
  • बिहार जनता पार्टी
  • देशी किसान पार्टी
  • गांधी प्रकाश पार्टी
  • हमदर्दी जनरक्षक समाजवादी विकास पार्टी (जनसेवक)
  • क्रांतिकारी साम्यवादी पार्टी
  • क्रांतिकारी विकास दल
  • लोक आवाज दल
  • लोकतांत्रिक समता दल
  • राष्ट्रीय जनता पार्टी (भारतीय)
  • राष्ट्रवादी जन कांग्रेस
  • राष्ट्रीय सर्वोदय पार्टी
  • सर्वजन कल्याण लोकतांत्रिक पार्टी
  • व्यवसाई किसान अल्पसंख्यक मोर्चा

15 जुलाई तक दें जवाब

इन दलों को 15 जुलाई 2025 तक अपना तथ्यात्मक पक्ष, उपयुक्त साक्ष्यों के साथ, मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी, बिहार के कार्यालय में प्रस्तुत करने को कहा गया है। साथ ही, उसका एक स्कैन्ड कॉपी ceo_bihar@eci.gov.in ईमेल एड्रेस भी भेजने का निर्देश दिया गया है।

‘डीलिस्ट’ होंगी पार्टियां

सभी दलों को चेतावनी दी गई है कि यदि निर्धारित समय सीमा के भीतर इन दलों की ओर से कोई जवाब नहीं प्राप्त होता है, तो आयोग उन्हें ‘डीलिस्ट’ करने की प्रक्रिया आगे बढ़ाई जाएगी। राजनीतिक दल का पंजीकरण रद्द कर दिया जाएगा, जिससे वह आयोग से मिलने वाली सुविधाओं, चुनाव चिह्न के आवंटन, टैक्स छूट और प्रचार-प्रसार में मिलने वाले लाभों से वंचित हो जाएगा। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय ने यह भी बताया कि आयोग द्वारा भेजे गए पत्र एवं नोटिस की प्रति विभागीय वेबसाइट https://ceoelection.bihar.gov.in/rupp.html पर उपलब्ध है।

---विज्ञापन---

क्यों जरूरी था यह कदम?

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह कदम देश में सक्रिय राजनीतिक दलों की पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ाने की दिशा में एक अहम प्रयास है। आयोग की इस पहल से ऐसे दलों की पहचान की जा सकेगी, जो केवल नाम के लिए पंजीकृत हैं लेकिन जनता और चुनावी प्रक्रिया में कोई सक्रिय भूमिका नहीं निभा रहे हैं।

ये भी पढ़ें- ‘गरीब जायज का वोट कटा तो दुर्भाग्यपूर्ण होगा…’, चुनाव आयोग बार-बार क्यों बदल रहा नियम?

First published on: Jul 07, 2025 02:37 PM

संबंधित खबरें