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बिहार

बिहार मतदाता सूची सत्यापन को लेकर बड़ी खबर, मांगे गए 11 दस्तावेजों में कोई छूट नहीं

बिहार में मतदाता सूची सत्यापन को लेकर सियासी घमासान मचा है। विपक्ष ने इस प्रक्रिया की टाइमिंग और दस्तावेजों की मांग को लेकर सवाल खड़े किए हैं। चुनाव आयोग का कहना है कि यह एक नियमित प्रक्रिया है, जो पहले भी हो चुकी है। सत्यापन के लिए मांगे गए 11 दस्तावेजों को लेकर भ्रम की स्थिति बनी रही, लेकिन आयोग ने स्पष्ट किया कि दस्तावेज जमा करना आवश्यक है।

Author Written By: News24 हिंदी Author Edited By : Avinash Tiwari Updated: Jul 5, 2025 20:28
Election Commission
चुनाव आयोग

बिहार में मतदाता सूची सत्यापन की प्रक्रिया चल रही है। इस मामले को लेकर लगातार सवाल उठाए जा रहे हैं और इस पर जमकर राजनीति हो रही है। विपक्ष ने प्रक्रिया की टाइमिंग पर सवाल उठाया है, वहीं चुनाव आयोग का कहना है कि यह एक साधारण प्रक्रिया है। साल 2002 में भी इसी तरह 31 दिन के भीतर यह प्रक्रिया पूरी की गई थी। इसी बीच खबर आई है कि सत्यापन के लिए आयोग ने जिन 11 दस्तावेजों की मांग की थी, उसमें छूट दी गई है, लेकिन अब इससे जुड़ी बड़ी जानकारी सामने आई है।

11 दस्तावेजों में कोई छूट नहीं

बताया जा रहा है कि मतदाता सूची सत्यापन के लिए मांगे गए 11 दस्तावेजों में कोई छूट नहीं दी गई है। हालांकि दस्तावेज बाद में भी जमा किए जा सकते हैं। लेकिन फॉर्म भरते समय ये जरूरी नहीं है कि दस्तावेज भी दिए जाएं। बताया गया है कि अगर आपके पास दस्तावेज नहीं हैं, तो 25 जुलाई तक किसी मतदाता को सत्यापन के लिए दस्तावेज देना जरूरी नहीं है। हालांकि फाइनल ड्राफ्ट बनाने से पहले मतदाता को अपना दस्तावेज ऑनलाइन/ऑफलाइन जमा करना पड़ेगा।

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चुनाव आयोग की तरफ से बताया गया कि ऐसा नहीं है कि बिना दस्तावेज के बीएलओ (BLO) मतदाताओं के नाम नहीं जोड़ेंगे, लेकिन अंतिम सूची बनने से पहले तक सपोर्टिंग डॉक्युमेंट जमा करना होगा। तभी वे वैध मतदाता बन पाएंगे।

क्या बोले मुख्य चुनाव आयुक्त?

उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद पहुंचे मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार से जब बिहार की मतदाता सूची को लेकर कांग्रेस के आरोपों पर सवाल पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि कानून के अनुसार हर चुनाव से पहले मतदाता सूची को अपडेट किया जाना चाहिए। 1 जनवरी 2003 के बाद मतदाता सूची और मतदाताओं के सभी विवरणों की विस्तृत जांच नहीं की गई। यह एक सामान्य प्रथा है। लगभग हर राजनीतिक दल ने मतदाता सूची की प्रामाणिकता पर सवाल उठाए और अद्यतनीकरण की मांग की। सभी राजनीतिक दलों के समर्थन से 1 लाख से अधिक बूथ-स्तरीय अधिकारी इस पर काम कर रहे हैं।

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तेजस्वी यादव के नेतृत्व में राज्य चुनाव आयोग से मिला था विपक्ष

विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव के नेतृत्व में बिहार राज्य चुनाव आयोग के अधिकारियों से मुलाकात की गई थी। तब तेजस्वी यादव ने कहा था कि हमने मांग की है कि दस्तावेज़ों में आधार कार्ड भी शामिल किया जाए। उन्होंने कहा कि इस बारिश के मौसम में यह प्रक्रिया करना ठीक नहीं है। उनका कहना था कि बड़ी संख्या में बिहारी बाहर रहते हैं, तो उनका सत्यापन कैसे किया जाएगा?

First published on: Jul 05, 2025 08:28 PM

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