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बिहार में Tejashwi Yadav का नया फॉर्मूला NDA को देगा करारी टक्कर? नीतीश को भी होगी टेंशन

Bihar Election 2025 Tejashwi Yadav MYK Formula: बिहार विधानसभा चुनाव से पहले तेजस्वी यादव ने नया दांव चल दिया है। उन्होंने MYK फॉर्मूले को चुनावी एजेंडा बनाने की तैयारी कर ली है। आइए जानते हैं इसके क्या मायने हैं?

Edited By : Sakshi Pandey | Updated: Sep 7, 2024 13:11
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Tejashwi Yadav Bihar Politics 2025

Bihar Election 2025 Tejashwi Yadav MYK Formula: बिहार चुनाव से पहले नीतीश कुमार को शिकस्त देने के लिए तेजस्वी यादव ने नया फॉर्मूला ढूंढ निकाला है। लालू यादव का ‘माय’ समीकरण फेल होने के बाद बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने MYK का नारा दिया है तो क्या अब इस नए फॉर्मूले के दम पर तेजस्वी बीजेपी और आरजेडी को हराने में कामयाब होंगे?

क्यों फेल हुआ लालू का ‘माय’ समीकरण?

दरअसल माय समीकरण के बलबूते लालू यादव 2005 तक बिहार के मुख्यमंत्री रहे। माय यानी मुस्लिम और यादव आरजेडी के पुराने वोट बैंक हैं। आरजेडी कई सालों से इसी फॉर्मूले के आधार पर चुनाव जीतती आई है, मगर पिछले कुछ साल से यह समीकरण फेल होता दिखाई दे रहा है। बिहार में मुस्लिम और यादव जातियों की आबादी 32 प्रतिशत है। यही वजह है कि 40-42 प्रतिशत वोट पाने वाली पार्टी ही बिहार की सत्ता पर काबिज होती है और आरजेडी को हर बार हार से संतोष करना पड़ता है।

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लोकसभा चुनाव में किया नया एक्सपेरिमेंट

लोकसभा चुनाव 2024 के दौरान लालू ने इसे समझा और उन्होंने कुशवाहा समुदाय को भी आरजेडी में मिलाने का प्लान तैयार किया। आरजेडी ने नीतीश के लव-कुश समीकरण में सेंध लगाते हुए कुशवाहा कार्ड खेला और कुशवाहा समुदाय के कई उम्मीदवारों को टिकट दे दिया। आम चुनाव के नतीजों में बेशक जीत का फैसला एनडीए के हक में था, मगर इंडिया ब्लॉक के खाते में 9 लोकसभा सीटें आई थीं।

क्या है तेजस्वी का MYK फॉर्मूला?

इसी के मद्देनजर अब तेजस्वी यादव ने MYK यानी मुस्लिम-यादव-कुशवाहा समीकरण पेश किया है। तेजस्वी का कहना है कि अब यादव और कुशवाहा में लड़ाई नहीं होगी। दरअसल मुस्लिम और यादव वोट बैंक से आरजेडी 32 प्रतिशत वोट आसानी से हासिल कर लेगी। सरकार बनाने के लिए आरजेडी को 8-10 प्रतिशत वोटों की आवश्यकता होगी, जो कुशवाहा वोट बैंक से पूरी हो जाएगी।

बिहार में ‘कुशवाहा’ का दबदबा

बता दें कि बिहार में कुशवाहा समुदाय की आबादी 4.27 प्रतिशत है। हालांकि कुशवाहा समुदाय राज्य की 40 विधानसभा और 15 लोकसभा सीटों को प्रभावित कर सकता है। अगले साल के अंत में बिहार की 243 सीटों पर विधानसभा चुनाव होंगे।

बिहार की त्रिकोणीय लड़ाई

2020 में तेजस्वी यादव के दम पर आरजेडी और जेडीयू ने 110 सीटें जीतकर बिहार में सरकार बनाई थी। अब जेडीयू का समर्थन बीजेपी के साथ है। वहीं आरजेडी और कांग्रेस इंडिया गठबंधन के रूप में साथ चुनाव लड़ रहे हैं। इसके अलावा बिहार की सियासी पिच पर प्रशांत किशोर की पार्टी की भी एंट्री होने वाली है। जाहिर है कि बिहार का त्रिकोणीय रण काफी दिलचस्प होने वाला है।

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Written By

Sakshi Pandey

First published on: Sep 07, 2024 01:10 PM

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