Bihar STF ADG on Crime Case: बिहार इस समय काफी सुर्खियों में है। एक तरफ जहां राजनीतिक पार्टियों द्वारा विधानसभा चुनाव-2025 की तैयारी चल रही है। वहीं, दूसरी तरफ राज्य में आपराधिक घटनाएं भी लगातार बढ़ रही हैं। ये आपराधिक घटनाएं राज्य की कानून व्यवस्था पर बार-बार सवाल खड़ी कर रही हैं। हालांकि, पुलिस की तरफ से बार-बार दावा किया जा रहा है कि राज्य में अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा रही है। इसी बीच बिहार पुलिस हेडक्वार्टर के ADG कुंदन कृष्णन ने प्रदेश में बढ़ रहे क्राइम को लेकर एक बड़ा बयान दिया है।
मई-जून में ज्यादा होते हैं मर्डर
बिहार में पिछले कुछ समय से बढ़ रहे क्राइम को लेकर STF के ADG कुंदन कृष्णन ने कहा कि अप्रैल, मई और जून में बिहार के अंदर मर्डर की घटनाएं ज्यादा होती हैं। क्योंकि इन तीनों महीनों में किसान खाली रहता है। बारिश के बिना उनके पास ज्यादा काम नहीं होता। इस वजह से इन तीनों महीनों में राज्य के अंदर अपराध बढ़ते हैं। उन्होंने आगे यह भी कहा कि जैसे ही बारिश शुरू होती है, ये किसान फिर से खेती के काम में उलझ जाते हैं और अपराध की घटनाएं कम हो जाती हैं।
“मई-जून में ज्यादा मर्डर होते हैं, किसानों के पास काम नहीं होता, इसलिए ज्यादा क्राइम होता”
◆ बिहार पुलिस के ADG हेडक्वार्टर कुंदन कृष्णन ने कहा #BiharPolice | Kundan Krishnan | #CrimeNews pic.twitter.com/SJR1sWx8Ls
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पैसे कमाने के लिए क्या करते हैं बेरोजगार किसान?
ADG कुंदन कृष्णन का मानना है कि घर पर खाली बैठे बेरोजगार किसान इस दौरान पैसे कमाने की वजह से सुपारी किलिंग जैसी अपराधिक घटनाओं को अंजाम देते हैं। उन्होंने आगे कहा कि हत्या और बाकी अपराधिक घटनाएं हमेशा होती हैं, लेकिन इन दिनों राज्य में चुनाव का दौर है। इसकी वजह से दल, राजनेता और मीडिया का ध्यान इस पर ज्यादा पड़ पढ़ रहा है। लेकिन अब सवाल ये है कि क्या प्रशासन राज्य में हो रहे क्राइम के लिए बेरोजगार किसानों और युवाओं को कारण बताकर अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ सकती है?