Bihar NDA Seat Sharing Formula: बिहार में इसी साल अक्टूबर-नवंबर में विधानसभा चुनाव प्रस्तावित है। इससे पहले कांग्रेस और बीजेपी के राष्ट्रीय नेता और आलाकमान लगातार प्रदेश का दौरा कर रहे हैं। अभी राहुल गांधी नालंदा और गया के दौरे पर हैं। इसके बाद पीएम मोदी एक बार फिर प्रदेश के दौरे पर आएंगे। जहां प्रदेश की जनता कोई कई करोड़ों रुपये के प्रोजेक्ट की आधारशिला रखेंगे। चुनाव आयोग प्रदेश में अगले महीने की शुरुआत में चुनाव तारीखों का ऐलान कर सकता है।
बिहार एनडीए में सीट बंटवारे को लेकर सुगबुगाहट तेज हो गई है। एलजेपी (आर) के चिराग पासवान बिहार चुनाव को लेकर सबसे ज्यादा उत्सुक है। वे फिलहाल अपनी पार्टी के कोटे से केंद्र में मंत्री हैं। उनकी रणनीति है कि कैसे भी करके गठबंधन में अधिक से अधिक सीट पर चुनाव लड़ा जा सके। ऐसे में बड़ा सवाल है कि एनडीए में सीट बंटवारे का फॉर्मूला क्या होगा?
इन दो फॉर्मूलों पर होगा सीटों का बंटवारा
पहला फॉर्मूला- एनडीए में सीट बंटवारे के पहले फॉर्मूले के तहत इस बार दो बार से चुनाव हार रही पार्टी उस सीट पर अपना उम्मीदवार नहीं उतारेगी बल्कि उस जगह पर दूसरे सहयोगी पार्टी को मौका दिया जाएगा। ताकि वहां पर जीत की संभावना हो। सूत्रों की मानें तो बीजेपी और जेडीयू 101 से 102 सीटों पर चुनाव लड़ सकती है। जबकि बची हुई 40 सीटें गठबंधन के अन्य सहयोगियों जीतनराम मांझी, चिराग पासवान और उपेंद्र कुशवाहा को दी जाएगी।
एलजेपी के पांच सांसद हैं ऐसे में उन्हें इस बार 25-28 सीटें मिल सकती हैं। जबकि हम को 6-7 सीट और राष्ट्रीय लोक मोर्चा को 4-5 सीटें दी जा सकती है। यह फॉर्मूला लोकसभा चुनाव के फॉर्मूले पर आधारित है।
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दूसरा फॉर्मूला- सीट बंटवारे का दूसरा फॉर्मूला परंपरागत है। इसमें बीजेपी और 120-122 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। दोनों गठबंधन अपनी कुछ सीटें सहयोगियों को देंगे। इसके अनुसार एलेजपी को बीजेपी 10-11 सीटें ही दे पाएगी। ऐसे में चिराग एक बार फिर गठबंधन से अलग होकर चुनाव लड़ने लगे ये भी हो सकता है। इस बार परिस्थितयां 2020 से अलग है। ऐसे में बीजेपी नहीं चाहेगी कि चिराग अलग होकर चुनाव लड़े। ऐसे में येन-केन प्रकरेण बीजेपी चिराग पासवान को मनाना चाहती है।
जातियों को सीट बंटवारे में मिलेगी प्राथमिकता
इसके अलावा चुनाव में जातीय समीकरणों को ध्यान में रखकर ही सीटों का बंटवारा किया जाएगा। एनडीए में बीजेपी की रणनीति है कि अधिक से अधिक टिकट ओबीसी, ईबीसी और दलितो को दी जाए। एनडीए में सीट बंटवारे को लेकर विशेष रणनीति बनाई जा रही है। सीएम नीतीश कुमार के स्वास्थ्य को लेकर भी लगातार आकलन लगाया जा रहा है। बीजेपी की रणनीति है कि सीएम के स्वास्थ्य के मुद्दे पर आरजेडी जितना कीचड़ उछालेगी कमल उतना ही ज्यादा खिलेगा।
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