Bihar News: बिहार सरकार के गन्ना उद्योग मंत्री कृष्णनंदन पासवान ने संबंधित अधिकारियों को गन्ना मूल्य का भुगतान को लेकर चेतावनी दी है। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि इस दिशा में लापरवाही बरती गई तो अधिकारियों और मिल प्रबंधन के खिलाफ सख्त विभागीय कार्रवाई की जाएगी। सीएसआर (कॉरपोरेट सोशल रिस्पांसब्लिटी) के क्षेत्र में सक्रिय योगदान दिया जाए, जिससे स्थानीय विकास को प्रोत्साहन मिले।
इन मुद्दों पर की समीक्षा
गन्ना उद्योग विभाग की तरफ से मंगलवार को विकास भवन स्थित कार्यालय में समीक्षा बैठक आयोजित की गई। इसकी अध्यक्षता विभागीय मंत्री ने की। बैठक में गन्ना मूल्य भुगतान की वर्तमान स्थिति से संबंधित कार्यों, गन्ना सर्वे की वर्तमान स्थिति, विभाग की विभिन्न संचालित योजनाओं, चीनी मिलों के विस्तार से संबंधित कार्यों, क्षेत्रीय विकास परिषद के भुगतान की स्थिति, अनुसंधान, विकास और नवाचारों की आवश्यकता जैसे मुद्दों पर समीक्षा की गई।
99.80 प्रतिशत गन्ना मूल्य का हुआ भुगतान
समीक्षा के दौरान यह बात सामने आई कि अब तक चीनी मिलों की तरफ से 99.80 प्रतिशत गन्ना मूल्य का भुगतान किया जा चुका है। इसके साथ ही विभागीय योजनाओं जैसे मुख्यमंत्री गन्ना विकास योजना, गन्ना यंत्रीकरण योजना एवं बिहार गुड़ प्रोत्साहन योजना की भी समीक्षा की गई और उनके प्रभावी कार्यान्वयन के लिए निर्देश दिए गए।
प्रोत्साहन योजनाएं शीघ्र होगी लागू
विभागीय सचिव कार्तिकेय धनजी ने कहा कि चीनी मिल मालिक विभाग की टीम का मजबूत स्तंभ हैं। उन्होंने अनुसंधान एवं नवाचार को कृषि आधारित उद्योगों की रीढ़ बताते हुए टिशू कल्चर लैब की स्थापना जैसे आधुनिक उपायों पर बल देने की बात कही। उन्होंने यह भी अवगत कराया कि विभाग की ओर से किसानों एवं मिलों को सहयोग देने के लिए कई प्रोत्साहन योजनाएं शीघ्र लागू की जाएंगी। इस बैठक में गन्ना आयुक्त अनिल कुमार झा, संयुक्त गन्ना आयुक्त जेपीएन सिंह के अलावा विभाग के अन्य वरीय अधिकारी और राज्य की सभी कार्यरत चीनी मिलों तथा उत्तर प्रदेश राज्य में गन्ना क्रय करने वाली मिलों के महाप्रबंधकों एवं कार्यालय प्रमुखों ने भाग लिया।