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बिहार

भूमि सर्वे पर बिहार सरकार का नया फरमान, जमीन मालिकों को पार करने होंगे 6 स्टेज

बिहार में भूमि सर्वे का नए अभियान के तहत अब जमीन मालिकों को जमीन की पूरी जानकारी देनी होगी, जिससे अधिकारों का बचाव के साथ-साथ विवादों का निपटारा हो सके।

Author Edited By : Deepti Sharma Updated: Apr 18, 2025 11:00
Bihar Land Survey Latest Order
Bihar Land Survey Latest Order

बिहार की नीतीश सरकार भूमि सर्वे को लेकर एक नया ऑर्डर लेकर आई है। राज्य सरकार चाहती है कि बिहार लैंड सर्वे में जमीन के मालिक अपनी भूमि के बारे में पूरी जानकारी दें। इससे उनके अधिकार सुरक्षित रखने और विवादों को सुलझाने में मदद मिलेगी। लोगों से सर्वे में सहयोग करने और समय पर दस्तावेज जमा करने की सरकार ने अपील की है। बिहार सरकार बिहार विशेष सर्वेक्षण और बंदोबस्त जागरूकता अभियान चला रही है, ताकि लोग जमीन के सर्वे में मदद करें। इससे जमीन के रिकॉर्ड को सही किया जा सकेगा।

भूमि सर्वे जरूरी क्यों है?

यह अभियान इसलिए जरूरी है ताकि जमीन के अधिकारों में स्पष्टता बनी रहे। अगर कोई विवाद है तो उसे निपटाया जा सके और जमीन के रिकॉर्ड को अपडेट किया जा सके। सरकार चाहती है कि सर्वे के काम में लोग सहयोग करें और समय पर सारे दस्तावेज जमा करें। इस अभियान का मकसद है कि भूमि से जुड़े अधिकारों की रक्षा की जाए। बिहार सरकार के राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने एक आदेश जारी किया है। यह आदेश सूचना एवं जनसंपर्क विभाग द्वारा जारी किया गया है। यह बिहार लैंड सर्वे और बंदोबस्त जागरूकता अभियान श्रृंखला-2 के तहत है। यह अभियान जमीन से जुड़े अधिकारों को स्पष्ट करने के लिए है। जिले के कई ब्लॉक में सर्वे का काम तेजी से चल रहा है। इस काम को 6 चरणों में बांटा गया है।

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पहली स्टेज में क्या होगा?

पहली स्टेज में भूमि जानकारी और विवरण तैयार की जाएगी। हर जमीन मालिक को फॉर्म-2 भरना होगा। इसमें अपनी जमीन की पूरी जानकारी देनी होगी।

दूसरे और तीसरी स्टेज

दूसरी स्टेज में लैंड बाउंड्री के हिसाब से नक्शा बनेगा। इससे जमीन की सही कंडीशन का पता चलेगा। तीसरी स्टेज में मालिकों के दावे दर्ज होंगे। इसके अलावा नक्शे के बेस्ड पर मालिक का पता लगेगा। दस्तावेजों की जांच के बाद मालिकों के दावे दर्ज किए जाएंगे।

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चौथे, पांचवे और आखिरी स्टेज

चौथी स्टेज में आपत्तियों का सॉल्यूशन होगा। नक्शे और रिकॉर्ड बेस्ड पर ऑब्जेक्शन और दावा दर्ज करने का प्रोसेस होगा। लोगों की समस्याओं को सुनकर उनका समाधान किया जाएगा। पांचवी स्टेज में रिकॉर्ड पब्लिकेशन और लगान फिक्स होगा। जमीन पर लगान तय करके मालिकों के साथ व्यवस्थित करने का प्रोसेस पूरा होगा। आखिरी स्टेज में अगर कोई आपत्ति आती है तो अधिकारी उसकी सुनवाई कर उसका समाधान करेंगे।

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Deepti Sharma

First published on: Apr 18, 2025 11:00 AM

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