बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के रण में इस बार दिलचस्प मुकाबला देखने को मिल रहा है. राजनीतिक दलों के पारंपरिक उम्मीदवारों के बीच अब नौकरशाही से निकले चेहरे भी जनता की अदालत में उतर चुके हैं. करीब एक दर्जन से ज़्यादा पूर्व IAS, IPS और IRS अफसरों ने वीआरएस लेकर राजनीति की राह पकड़ी है. किसी ने सत्तारूढ़ दल का दामन थामा है तो कोई अपनी पार्टी बनाकर जनता के बीच पहुंचा है.
फाइलों की दुनिया से निकलकर जनता की अदालत में किस्मत आजमा रहे इन अफसरों का सफर आसान नहीं है, लेकिन दिलचस्प जरूर है.
गोपालगंज के भोरे से सुनील कुमार चुनावी मैदान में
पूर्व डीजीपी और मौजूदा विधायक सुनील कुमार एक बार फिर से चुनावी मैदान में हैं. 2020 में इस सीट से जीतने के बाद वे नीतीश सरकार में मंत्री बने पहले निबंधन और उत्पाद विभाग में, फिर शिक्षा मंत्री के रूप में. भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी रहे सुनील कुमार का यह दूसरा कार्यकाल उनकी सियासी परीक्षा भी साबित होगा.
शिवदीप लांडे का सुपरकॉप से नेता तक का सफर
बिहार के चर्चित IPS अधिकारी शिवदीप वामनराव लांडे, जो ‘सिंघम’ और ‘सुपरकॉप’ नाम से मशहूर हैं, अब ‘हिन्द सेना’ नाम की पार्टी बनाकर चुनाव मैदान में हैं.
पूर्णिया रेंज के IG रहते उन्होंने स्वेच्छिक सेवानिवृत्ति लेकर सियासत में कदम रखा. वे अररिया और मुंगेर के जमालपुर से चुनाव लड़ रहे हैं. लांडे की छवि सख्त और लोकप्रिय अफसर की रही है और अब वही छवि वोटों में तब्दील करने की चुनौती उनके सामने है.
सुजीत सिंह- इनकम टैक्स कमिश्नर से बीजेपी तक
दरभंगा के गौरा बौराम सीट से भाजपा ने पूर्व IRS अधिकारी सुजीत सिंह को टिकट दिया है. इनकम टैक्स विभाग में प्रिंसिपल कमिश्नर रहे सुजीत सिंह ने 13 अक्टूबर को वीआरएस लेकर भाजपा ज्वाइन की. उनके मैदान में उतरने से इलाके का समीकरण पूरी तरह बदल गया है.
आनंद मिश्रा- एनकाउंटर स्पेशलिस्ट से उम्मीदवार
बक्सर से बीजेपी के टिकट पर पूर्व IPS आनंद मिश्रा मैदान में हैं, जिन्हें 150 से अधिक एनकाउंटर के लिए जाना जाता है. 2024 में टिकट न मिलने पर उन्होंने निर्दलीय रूप से भी चुनाव लड़ा था. अब दोबारा बीजेपी उम्मीदवार के तौर पर मैदान में हैं और ‘सख्त अफसर’ की छवि को ‘जनप्रतिनिधि’ की छवि में बदलने की कोशिश कर रहे हैं.
छपरा में जयप्रकाश सिंह और खेसारी लाल यादव आमने-सामने
छपरा विधानसभा सीट पर इस बार बेहद दिलचस्प मुकाबला देखने को मिलने वाला है. एक ओर भोजपुरी स्टार खेसारी लाल यादव, तो दूसरी ओर जनसुराज पार्टी से पूर्व एडीजी जयप्रकाश सिंह. 2000 बैच के IPS अधिकारी रहे सिंह ने वीआरएस लेकर प्रशांत किशोर की जनसुराज पार्टी ज्वाइन की है.
इसी पार्टी से पूर्व DGP आर. के. मिश्रा (दरभंगा) भी मैदान में हैं, जो बिहार पुलिस में कई अहम पदों पर रह चुके हैं.
बी. के. रवि- तमिलनाडु के DGP से समस्तीपुर के उम्मीदवार
तमिलनाडु के पूर्व DGP ब्रजकिशोर दुबे उर्फ बी. के. रवि समस्तीपुर के रोसड़ा सीट से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं. समस्तीपुर के मूल निवासी रवि ने लंबी सेवा तमिलनाडु कैडर में दी है.
कई रिटायर्ड अफसर भी हैं राजनीति की राह पर
विकासशील इंसान पार्टी (VIP) से जुड़े IPS वी. के. सिंह, मुख्यमंत्री के सचिव रहे दिनेश कुमार राय और जनसुराज अभियान से जुड़े अरविंद कुमार सिंह, गोपाल नारायण सिंह और लल्लन यादव जैसे रिटायर्ड अफसर भी राजनीति की राह पर हैं, भले ही वे इस बार चुनावी मैदान में न हों.
चुनावी विश्लेषक डॉ. संजय कुमार ने कहा, अक्सर नौकरशाह राजनीति में इसलिए उतरते हैं ताकि अपने रिटायरमेंट के बाद भी प्रभावशाली भूमिका में रहें. उन्हें लगता है कि जनता से उनका सीधा संपर्क है, और वे नेताओं से बेहतर काम कर सकते हैं.
लेकिन बिहार की राजनीति में बहुत कम अफसर ऐसे हैं जिन्होंने जनता का भरोसा जीतने में सफलता पाई है.










