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बिहार

नीतीश कुमार की इफ्तार पार्टी पर बिहार की सियासत गरमाई, राजद-BJP की प्रतिक्रियाएं आईं सामने

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की इफ्तार पार्टी पर प्रदेश की सियासत गरमा गई है। लालू प्रसाद यादव की राजद और भाजपा की प्रतिक्रियाएं मुस्लिमों के पार्टी के बॉयकॉट पर आई है। बीते दिन लेटर लिखकर पार्टी का बहिष्कार करने का ऐलान किया गया था।

Author Edited By : Khushbu Goyal Updated: Mar 23, 2025 10:04
Nitish Kumar
Nitish Kumar

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज 23 मार्च दिन रविवार को इफ्तार पार्टी बुलाई है। वे हर साल रमजान के महीने में इफ्तार पार्टी करते हैं, लेकिन इस सवाल नजारा कुछ और ही देखने को मिला। दरअसल, इस बार मुस्लिमों ने नीतीश कुमार की इफ्तार पार्टी का बॉयकॉट करने का ऐलान किया है।

इमारत-ए-सरिया ने लेटर खिलकर नीतीश कुमार की इफ्तार पार्टी का विरोध जताया। यह बॉयकॉट इसलिए हुआ, क्योंकि नीतीश कुमार और उनकी पार्टी जनता दल यूनाइटेड ने वक्फ संशोधन विधेयक का समर्थन किया है, जबकि मुस्लिम संगठन इस विधेयक का विरोध कर रहे हैं।

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Muslim Organization Letter

Muslim Organization Letter

राजद और भाजपा का बॉयकॉट पर रिएक्शन

इसलिए इस साल नीतीश कुमार की इफ्तार पार्टी पर सियासत गरमा गई है। राष्ट्रीय जनता दल के प्रवक्ता एजाज अहमद ने बयान देते हुए कहा कि केंद्र सरकार के पक्ष में जनता दल यूनाइटेड, लोजपा रामविलास और TDP खड़ी है, जिसके कारण मुस्लिमों के लिए असमंजस की स्थिति हो गई है। वक्फ संशोधन विधेयक मुस्लिमों की मजहबी रवायत, धार्मिक स्वतंत्रता और संविधान में प्रस्तावना के खिलाफ है।

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वहीं बिहार भाजपा के प्रवक्ता प्रभाकर मिश्रा ने कहा मुस्लिम संगठनों के द्वारा इफ्तार पार्टी का बॉयकॉट करने का निर्णय निंदनीय है। मुस्लिम संगठनों ने बॉयकॉट का निर्णय लिया गया तो इसका प्रचार प्रसार राजद के द्वारा किया जा रहा है। वक्फ संशोधन विधेयक वक्फ बोर्ड की करोड़ों रुपये की संपत्ति को बचाने के लिए लिया गए है। इस संपत्ति पर अवैध कब्जे की शिकायतें लंबे समय से आ रही थीं।

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लेटर में क्या लिखा गया?

इमारत शरिया ने लेटर में लिखा कि 23 मार्च को होने वाली नीतीश कुमार सरकार की इफ्तार पार्टी में शामिल नहीं होने का फैसला लिया गया है। संगठन इस पार्टी का बॉयकॉट करता है। वक्फ विधेयक को नीतीश कुमार ने समर्थन दिया है, इसे देखते हुए ही यह फैसला किया गया है। विधेयक लागू होने से मुसलमानों का आर्थिक और शैक्षणिक पिछड़ापन और बढ़ेगा।

नीतीश कुमार सरकार धर्मनिरपेक्ष राज का वादा करके सत्ता में आई थी। नीतीश कुमार ने अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा करने का वादा किया था, लेकिन भाजपा से गठबंधन और विधेयक का समर्थन असंवैधानिक और अतार्किक है। नीतीश कुमार के वादों के खिलाफ है, इसलिए अब नीतीश कुमार पर भरोसा नहीं है कि वे अल्पसंख्यकों के लिए कुछ करेंगे।

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Edited By

Khushbu Goyal

First published on: Mar 23, 2025 09:52 AM

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