Bihar Assembly Election 2025: दिल्ली विधानसभा चुनाव के बाद अब बिहार चुनाव को लेकर सुगबुगाहट तेज हो चुकी है। इस साल अक्टूबर में बिहार में विधानसभा चुनाव है। इस बीच टिकट के दावेदार गठबंधन में पार्टियों के लिए अभी से गले की फांस बन रहे हैं।
बड़हरा विधानसभा सीट बीजेपी के पाले की सीट है, लेकिन 2020 के विधानसभा चुनाव में भाजपा के उम्मीदवार राघवेंद्र सिंह ने जीत दर्ज की थी। राघवेंद्र ने आरजेडी उम्मीदवार सरोज यादव को हराया था। इस सीट से जेडीयू के नेता छोटू सिंह अपनी दावेदारी कर रहे हैं। वे बार-बार बीजेपी विधायक पर सवाल उठा रहे हैं। वे कह रहे हैं कि विकास तो नीतीश कुमार कर रहे हैं। जदयू की ओर से भले ही उन्हें हरी झंडी नहीं मिली फिर भी वे बड़हरा की जनता के बीच जा रहे हैं।
खगड़िया-बाढ़ में आपस में लड़ रहा एनडीए
इसके अलावा खगड़िया से लोजपा सांसद राजेश वर्मा और परबत्ता से जेडीयू विधायक डाॅ. संजीव कुमार चर्चा में है। जेडीयू विधायक इतने नाराज हैं कि वे सांसद को गीदड़ और कुत्ता कह चुके हैं। उन्होंने कहा कि मेरे काम में जो अड़ंगा लगाएगा, उससे सीधी लड़ाई लडूंगा। मैं डाॅक्टर हूं सभी का इलाज जानता हूं।
वहीं बाढ़ विधानसभा सीट को लेकर बीजेपी और जेडीयू के बीच तनातनी बढ़ती जा रही है। जदयू नेता संजय सिंह ने पटना में सरकारी आवास पर समर्थकों की मौजूदगी में चुनाव लड़ने का ऐलान किया है। उन्होंने कहा कि वे युद्ध के मैदान से पीछे हटने वाले नहीं है। बता दें कि बाढ़ विधानसभा सीट बीजेपी की सीट है।
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बीजेपी-जेडीयू में बढ़ सकती है तल्खी
बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले नेताओं के बीच इस प्रकार की बयानबाजी दोनों पार्टियों के लिए चिंताएं बढ़ाने वाली हैं। अगर ऐसा एक दो सीट पर होता है तो ठीक है लेकिन अगर यह अधिक सीटों पर देखने को मिलता है तो एनडीए गठबंधन को चुनाव में नुकसान हो सकता है।
महाराष्ट्र वाला खेला बिहार में न हो जाए
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में महाविकास अघाड़ी के बीच कई सीटों पर सहमति नहीं बन पाई थी। इसके बाद चुनाव में मतदाता गठबंधन उम्मीदवार को लेकर भ्रमित हो गए थे। इसका फायदा बीजेपी की अगुवाई वाले महायुति को मिला था। हालांकि ऐसा फायदा महाविकास अघाड़ी को भी कई सीटों पर मिला था।
बिहार विधानसभा चुनाव 2020 में चिराग पासवान की लोजपा ने जेडीयू उम्मीदवारों की सीटों पर उम्मीदवार खड़े कर दिए। वहीं बीजेपी उम्मीदवारों की सीटों पर कोई उम्मीदवार नहीं उतारा। चुनाव के बाद जेडीयू ने बीजेपी पर लोजपा से मिलीभगत का आरोप लगाया था। इसके बाद नीतीश कुमार जुलाई 2022 में गठबंधन से अलग हो गए थे। इस बार वहीं नुकसान दोनों पार्टियों को हो सकता है।
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